“बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना जांच के नाम पर फर्जी आंकड़े दर्ज करने की शिकायतों पर डीएम की ओर से गठित जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। औराई, बंदरा, बोचहां, कांटी, कटरा, कुढ़नी, मोतीपुर, मुरैल, सरैया पीएचसी ने आंकड़ों में ‘बाजीगरी’ की है…
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। कोरोना की लहर भले ही बिहार में थमने लगी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जरिए जांच के नाम पर किये गए फर्जीवाड़े का खेल भी अब उजागर होने लगा है।
मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना जांच के नाम पर फर्जी आंकड़े दर्ज करने की शिकायतों पर डीएम की ओर से गठित जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
डीएम को सौंपी गई रिपोर्ट में प्रखंड वार आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। औराई, बंदरा, बोचहां, कांटी, कटरा, कुढ़नी, मोतीपुर, मुरौल, सरैया पीएचसी और सदर अस्पताल को सेंट्रल ड्रग स्टोर से जारी एंटीजन किट से 7 हजार 144 किट कम मिली।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना जांच के लिए प्राप्त एंटीजन किट का लेखा-जोखा करने में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी लापरवाही बरती है।
सकरा पीएचसी को सेंट्रल ड्रग स्टोर ने 1 मार्च से 31 मई के बीच 7 हजार 350 एंटीजन किट जारी की गईं, लेकिन इस अवधि में उसने 8450 एंटीजन किट प्राप्त करने का दावा किया है।
हद है कि इस अवधि में उसने प्राप्त किट 8450 से 218 अधिक लोगों यानी 8668 लोगों की कोरोना जांच कर ली। इतना ही नहीं कोरोना जांच से भी 381 अधिक 9049 लोगों का डाटा सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड कर दिया।
वहीं, बोचहां पीएचसी में भी कुछ इसी तरह की गड़बड़ी हुई है। सेंट्रल ड्रग स्टाेर ने 1 मार्च से 31 मई के बीच बोचहां पीएचसी के लिए 4350 एंटीजन किट जारी किया। इस अवधि में उसने 3550 किट प्राप्त करने का दावा किया है।