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Saturday, September 23, 2023
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    ऐतिहासिक खुदाबख्श लाइब्रेरी को बचाने की कवायद जारी, निदेशक का एनओसी देने से इंकार

    पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क)। पटना का ऐतिहासिक खुदाबख्श लाइब्रेरी पर संकट अभी दूर होता नहीं दिख रहा है। एलिवेटेड रोड परियोजना में ख़ुदा बख्श लाइब्रेरी परिसर का अशोक राजपथ से सटा करीब 64 मीटर लंबा और 5/6मीटर चौड़ा हिस्सा उपयोग में आना है।

    रोड साइड में स्थित परिसर का कर्ज़न रीडिंग रूम का अधिग्रहण होना है।इसके लिए इसके एक हिस्से को तोड़ा जाना है। खुदाबख्श लाइब्रेरी के डायरेक्टर को पुल निर्माण निगम की तरफ से एनओसी देने के लिए नोटिस दिया गया था। लेकिन खुदाबख्श लाइब्रेरी के डायरेक्टर समेत कई साहित्यिक संस्थाओं ने इसका विरोध किया था।

    हालांकि सूचना मिल रही है कि खुदाबख्श लाइब्रेरी के डायरेक्टर साहिस्ता बेदार ने विभाग को एनओसी देने से साफ मना कर दिया है। ऐसे में सरकार और खुदाबख्श लाइब्रेरी प्रबंधन में रार बढ़ने वाली है। एनओसी नहीं मिलने से निगम को नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

    हालांकि एलिवेटेड परियोजना बनाने वाली एजेंसी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम का कहना है कि वह कर्ज़न रीडिंग रूम के बदले वह नये भवन का निर्माण कर देंगी। चूंकि यह एलिवेटेड रोड परियोजना से नवनिर्मित पीएमसीएच(5000 बेड) परिसर को लाभ मिलना है। इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए ही सारा खेल खेला जा रहा है।

    इस ऐतिहासिक खुदाबख्श लाइब्रेरी को बचाने के लिए कई साहित्यिक संस्थाओं के अलावा बिहार के पूर्व आईजी और बिहार विप्लवी परिषद के चेयरमैन अमिताभ कुमार दास भी आगे आए थे।

    उन्होंने इसके विरोध में अपना पुलिस पदक भी राष्ट्रपति को लौटा दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति को लाइब्रेरी बचाने के लिए पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंने  सीएम नीतीश कुमार पर भ्रष्ट ठेकेदारों,और टेंडर माफियाओं को शह देने का आरोप लगाया था।

    उन्होंने लिखा कि खुदाबख्श लाइब्रेरी पूरी इंसानियत की विरासत है। हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब की निशानी है। एक पुस्तक प्रेमी होने के नाते उन्हें सरकार के निर्णय से गहरा सदमा लगा है।

    मैंने बर्षो तक एक आईपीएस के रूप में देश की सेवा की है। सरकार के इस निरंकुश रवैये को लेकर उन्होंने फैसला लिया है कि वे अपना पुलिस पदक आपको (राष्ट्रपति) लौटा रहें हैं।

    गौरतलब रहे कि पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ख़ुदा बख्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम के हेरिटेज को ध्वस्त होने से बचाने की कवायद में लगे हुए हैं। जिसके लिए उन्होंने बिहार विधानसभा अध्यक्ष से लेकर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम तक को पत्र लिखकर अपने फैसले को वापस लेने की मांग की थी।

    पूर्व आईजी ने खुदाबख्श लाइब्रेरी के डायरेक्टर के इस फैसले का स्वागत किया है।

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