एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में प्रशासन के नाक तले पिछले माह 14-15 मार्च को तब्लीगी मरकज का सम्मेलन हुआ, लेकिन लॉकडाउन के बाबजूद जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह सरकारी तंत्र की एक बड़ी विफलता या कहिए लापरवाही साफ झलकती है…
उपलब्ध सरकारी दस्तावेज के अनुसार इस मरकज में झारखंड समेत बिहार के प्रायः सभी जिलों से लगभग 640 जमातियों ने शिरकत की थी। इसकी जानकारी मिलते ही नालंदा और दरभंगा प्रशासन के हाथ पांव फूल गये।
नालंदा जिला प्रशासन की एक गोपनीय पत्र में उल्लेख है कि इस तब्लीगी जमात के मरकज का खुलासा किया। जिसमें दरभंगा के लोग भी शामिल हुए थे। जिला प्रशासन ने यह सूचना पत्र महज 3 दिन पहले यानि 12 अप्रैल को प्रधान सचिव, बिहार सरकार को भेजी है। वह भी तब जब इस ओर एक कोरोना पोजेटिव से मिले इनपुट के आधार पर दरभंगा एसपी ने जानकारी मांगी।
हालांकि, दरभंगा पुलिस ने जानकारी मिलते ही तब्लीगी जमात में शामिल 12 लोगों में से कुछ को चिहिंत कर कोरोना वार्ड में आइसोलेशन में रखा है।
नालंदा जिला की ओर से जारी 12 अप्रैल को पत्र संख्या 2278 के जरिये प्रधान सचिव आपदा प्रबंधक विभाग, पटना को सूचित किया है। जिसमें लिखा है कि बिहारशरीफ स्थिति शेखाना मस्जिद में तब्लीगी जमात का एक सम्मेलन हुआ था। जिसमें 640लोग शामिल हुए थे। इसमें कुल 13 इसी जिले के थे।
इस पत्र में आशंका जाहिर किया गया है कि कुछ व्यक्ति झारखंड से भी शामिल हुए थे। इस सूचना से झारखंड में भी परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि कोरोना वहाँ भी दस्तक दे चुका है। यहाँ तक कि नालंदा के एक व्यक्ति के संपर्क में आने से एक युवक में कोरोना का संक्रमण सामने आया है।
नालंदा जिला प्रशासन की यह सबसे बड़ी लापरवाही है। हालाँकि इस मामले में न नालंदा डीएम और न ही एसपी सामने खुलकर बोल रहे हैं। लेकिन यहां के जिला पदाधिकारी के लिखे गोपनीय पत्र सोशल मीडिया में वायरल होकर सार्वजनिक हो गए हैं और राष्ट्रीय मीडिया में एक बड़ा चर्चा का विषय बन गया है।
एक बड़ा खतरा की आशंका इस खुलासा से भी है कि नालंदा जिला पदाधिकारी के गोपनीय पत्र में उल्लेख है कि बिहार शरीफ के मरकजी जमात में भाग लेने वाले नवादा जिला के एक व्यक्ति के संपर्क में आने वाले एक व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण पाया गया है।
बहरहाल, पिछले कुछ दिनों के भीतर नालंदा का एक बड़ा ईलाका कोरोना हॉट स्पॉट बनता साफ दिख रहा है। एक ही परिवार के चार लोगों के कोरोना पोजिटिव पाये जाने के बाद जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या आधा दर्जन हो गई है।
हालांकि बिहारशरीफ के खासगंज मोहल्ले को पूरी तरह सील कर दिया गया है। इधर आपदा विभाग मरकज में शामिल लोगों को जल्द चिंहित कर आइसोलेशन वार्ड में रखने का दिशा निर्देश जारी कर दिया है।
लेकिन विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि बिहार शरीफ के जिस मस्जिद में मरकजी जमात की बड़ी बैठक हुई थी, उसमें अनेक सरकारी कर्मी के आलावे मीडियाकर्मी भी शामिल हुए थे, जो इस लॉकडाउन में खुलेआम घुम रहे हैं और एक बड़े वर्ग के संपर्क में आ रहे हैं। इसमें अंदरुनी तौर पर एक पुलिस अफसर का नाम उछल रहा है, जो हाइलेवल की कई मीटिंग में भाग लेता रहा है।
बिहार शरीफ के जिस ईलाके में एक ही परिवार के चार सदस्यों में कोरोना वायरस पोजेटिव की पुष्टि हुई है, उस ईलाके में भी प्रशासन ने प्रारंभिक चौकसी नहीं बरती थी। यहां तक कोरोना संक्रमित युवक सदर अस्पताल में सैंपल देने के बाद शासनिक लापरवाही के बाद लंबी अवधि तक घर में रहा और मुहल्ले-शहर की सैर करता रहा।