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    Friday, April 26, 2024
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      ‘एक्सपर्ट मीडिया न्यूज’ का असर, निगरानी जांच को लेकर डीपीओ ने मांगी नियोजित शिक्षकों का फोल्डर

      “हमारे बेबसाइट पर लगातार प्रसारित खबर के बाद शिक्षा विभाग की तंद्रा भंग हुई। पिछले दिनों हमारे एकस्पर्ट मीडिया न्यूज में ‘नालंदा में फर्जी शिक्षकों की बहाली की उच्चस्तरीय जांच की जरूरत,चंडी बना नमूना’ खबर प्रसारित की थी। इससे पहले भी चंडी में शिक्षक नियोजन में अनियमितता की खबर जिला परिषद अध्यक्षा ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की थी। ” 

      NALANDA TEACHER SCAME 1बिहारशरीफ/चंडी (प्रसं/संजीत)। नालंदा के चंडी प्रखंड में फर्जी तरीके से बहाल  नियोजित शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। फर्जी शिक्षकों और फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों की जांच अब निगरानी करेंगी।

      जिला  स्थापना शाखा के डीपीओ ने चंडी बीडीओ से निगरानी जांच को लेकर नियोजित शिक्षकों की फोल्डर और मेधा सूची की मांग की है ।वही बीडीओ ने एक सप्ताह के अंदर सभी पंचायत सचिवों से वैसे शिक्षकों के फोल्डर और मेधा सूची उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।जिन्होंने अभी तक अपने फोल्डर जमा नही किए हैं।

      यूँ तो पूरे जिले में शिक्षक नियोजन में व्यापक पैमाने पर फर्जीबाडा हुआ है।आए दिन किसी न किसी  प्रखंड में शिक्षकों के नियोजन में धांधली की शिकायत आती रही है। यहाँ तक कि फर्जी प्रमाण पत्र और जुगाड के माध्यम से शिक्षक बनाने का भी धंधा काफी फला फूला।

      नियोजन इकाइयों ने तीन से चार लाख रूपये में शिक्षक बनाने का खेल खेला ही इसमें मुखियों के साथ साथ पंचायत सचिव भी शामिल रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण राजगीर और बेन में शिक्षक नियोजन में अनियमितता को लेकर पंचायत सचिव पर कार्रवाई और उनकी बर्खास्तगी सबूत है कि कैसे नियोजन इकाई बिक रही थी।

      नालंदा के बेन प्रखंड में गैर कानूनी तरीके से शिक्षक नियोजन मामले में मैजरा पंचायत के पूर्व और वर्तमान सचिव पर गाज गिरी है। उनकी बर्खास्तगी हाईकोर्ट और डीएम के निर्देश पर हुआ है ।साथ ही उनपर प्रपत्र ‘क’ गठित करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीx वेन में  इससे पूर्व बीईओ ने मुखियों पर भी एफआईआर करा चुके हैं।

      nalanda education cruption 1नालंदा के चंडी प्रखंड में नियोजन इकाइयों द्वारा बहाली बंद होने के बाद भी पिछले एक साल में 42 शिक्षकों का नियोजन कर दिया गया है ।जबकि बीईओ सिर्फ़ 30-32 शिक्षकों के नियोजन की बात स्वीकार करती हैं ।

      चंडी में शिक्षक नियोजन की अनियमितता को लेकर पंचायत समिति की हर बैठक में शिक्षक नियोजन में धांधली के मामले उठते रहे हैं । यहाँ तक कि हमारे बेब पोर्टल ‘एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ‘ की खबर पर जिला परिषद अध्यक्षा चंडी बीआरसी पहुँच कर मामले की जांच की थी।वही डीपीओ ने भी शिक्षक नियोजन में अनियमितता को लेकर बीईओ पिछले एक साल में बहाल शिक्षकों की सूची मांगी थी।

      स्थापना शाखा के डीपीओ ने चंडी प्रखंड में शिक्षकों की अवैध बहाली को लेकर चंडी बीडीओ से सभी  शिक्षकों के फोल्डर और मेधा सूची मांगी हैं ।डीपीओ के इस आदेश के बाद बीडीओ विशाल आनंद ने चंडी प्रखंड के सभी 15 पंचायतों के पंचायत सचिवों को पत्र भेज कर निगरानी जांच हेतु अवशेष शिक्षकों का मूल फोल्डर और मेधा सूची एक सप्ताह में जमा करने का आदेश दिया है।

      26 अगस्त को आहूत बैठक के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) के द्वारा निर्णय लिया गया कि चंडी प्रखंड में शिक्षकों के नियोजन की जांच का जिम्मा निगरानी को सौंप दिया जाए।बीडीओ ने पंचायत सचिवों को सख्त निर्देश दिया है कि एक  सप्ताह के अंदर वैसे शिक्षकों के फोल्डर जमा कर दिए जाए जिन्होंने पहले जमा नही किए हैं ।अगर शिक्षकों के फोल्डर जमा नही होते हैं तो पंचायत सचिवों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

      निगरानी इस तरह करेंगी जांचः

      #  जांच टीम शिक्षा विभाग से सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की प्रतिलिपि प्राप्त करेंगी

      प्रमाण पत्र असली है या फर्जी इसकी जांच के लिए संबंधित वोर्ड या विश्वविद्यालय को भेजेगी

      # नियोजित शिक्षकों की सूची, नियोजन इकाई, स्कूल का नाम, खाता संख्या, मानदेय का उल्लेख का करेगी जांच

      # 2006 से अब तक जिस नियामावली के आधार पर नियोजन किया गया उसकी प्रतिलिपि भी पंचायत सचिव को देनी होगी।

      चंडी प्रखंड के सालेपुर, बेलक्षी,  नरसंढा, गंगौरा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली है।यहाँ तक कि कई पंचायतों में शिक्षकों के फोल्डर और नियोजन इकाई की पंजी ही गायब कर दी गई है।

      चंडी प्रखंड में कई ऐसे पंचायत सचिव का कहना है कि उनका फर्जी हस्ताक्षर कर शिक्षकों की बहाली कर दी गई ।लेकिन वे पिछले एक दशक से चुप थे जब जांच की बात उठी तो पंचायत सचिव लिखकर दे रहे कि उनका हस्ताक्षर फर्जी है।निगरानी जांच से वे भी नही बच सकते हैं ।

      अगर चंडी प्रखंड  में ही नियोजित शिक्षकों की निगरानी जांच सही से होती है तो सैकड़ों शिक्षकों पर गाज गिरनी तय है।

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