बिहार में कोरोना के बाद बाढ़ की आफत में जिंदगी की जद्दोजहद !

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“एक तरफ सूबे में तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बिहार में एक पार्षद और सिविल सर्जन की कोरोना से मौत के बाद लोगों में काफी खौफ दिख रहा है। दूसरी तरफ उतरी बिहार में बाढ़ की विभीषिका से लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क)। बिहार में कोरोना महामारी के बीच जनता दोहरी मार झेलने को विवश है। कोरोना से बचे या बाढ़ के ताडंव से इन दोनों मुश्किलों में जनता जीने की जद्दोजहद कर रही है।Bihar Flood corona 5

राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 29 हजार के पास पहुंच गई है। वहीं मृतकों की संख्या दोहरे शतक में पहुंचने वाली है। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के लचर होने और राहत कार्यो में लापरवाही की वजह से आम लोगों की मुसीबतें कम नहीं हो रही है।

सूबे में भले ही कोरोना का कहर देर से पहुंचा। लेकिन बाद में प्रशासन और लोगों की लापरवाही भारी पड़ गई। लोगों को मुसीबत का सामना अब करना पड़ रहा है। कई जिलों में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।

इसके बाबजूद चुनाव की तैयारियों में नेताओं का वयस्त होना हैरतअंगेज ही नहीं, लिजलिजापन भी है।

Bihar Flood corona 4प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर सवाल उठाए।नीतीश कुमार को लोगों की नहीं, वोट की चिंता है। पूरा प्रदेश कोरोना और बाढ़ से परेशान है। जबकि सरकार वर्चुअल रैली के मजे ले रही है।

एक संगठन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल लैंसेंट ग्लोबल हेल्थ की रिपोर्ट की मानें तो मध्यप्रदेश के बाद बिहार देश का सर्वाधिक संक्रमित दूसरा राज्य बनने वाला है।

वैसे बिहार के लिए कोरोना परेशानी हो सकती है, लेकिन बाढ़ कोई नई आफत बनकर नहीं आई है। यह तो उतर बिहार की नियति रही है, जो हर वर्ष कहर बनकर टूटती है। कहते हैं जब कोसी हंसती है तो इलाके के लोग रोते हैं। यहाँ तबाही का मंजर कोई नया नहीं है।

मिथिलांचल और सीमांचल बिहार के खुबसूरत इलाके में से एक है,लेकिन बाढ़ की विभीषिका इनकी खुबसूरती पर एक बदनुमा दाग है। जो हर बार इंसानी जिंदगी को बिखरने के लिये काफी है।

Bihar Flood corona 1सूबे के सुपौल ,मधेपुरा,  मुंगेर, गोपालगंज, सारण, पं चंपारण,  मधुबनी, दरभंगा, खगडिया, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिलों में नदियां आफत बरसा रही है। इन क्षेत्रों में कोसी, गंडक और बागमती रोज सीमाएं लांघ रही है। घरों में,मुहल्ले में ,गलियों में ,खेतों में पानी ही पानी नजर आ रहा है।

नेपाल के जल ग्रहण तथा सूबे में लगातार बारिश ने भोजपुर तथा भागलपुर तक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। प. चंपारण के 70 से ज्यादा गांव में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है।

मुजफ्फरपुर के बेनीपुर गांव में बागमती का कहर ने लोगों को गांव छोड़कर बांध पर शरण लिए हुए है। उन्हें न खाने की चिंता है और न कोरोना से संक्रमित होने की। जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।

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वहीं गोपालगंज के सदर प्रखंड के कटघरवा गांव बाढ़ के पानी में टापू बना हुआ है। यहां के लोगों को गांव से निकाल कर प्रशासन स्कूल में बने राहत शिविर में रखा जा रहा है। 38 जिलों के 217 पंचायतों में चार लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

उतर बिहार में हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलते लोगों का कहना है कि कोरोना हमारा क्या कर लेगा, यह बीमारी तो पहली बार आई है,चल भी जाएगी। लेकिन हम लोग हर साल हजारों इस बाढ़ से मर जाते है, उसका क्या! हमारे लिये तो पहले से ही जिंदगी बिखरी रही है।

शायद उतरी बिहार की हर साल की यही त्रासदी है। फर्क है कि बाढ़ को लेकर हर साल सरकार रहनुमाई का अभिनय करती है।