“बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा जिले के बेन थाना के एक गांव में एक विक्षिप्त नाबालिग बच्ची के साथ वहशीपन की मेडिकल जांच किए बिना वहां पदस्थ महिला डॉक्टर ने न सिर्फ लौटा दिया, बल्कि उससे जबरन एक सादे कागज पर यह लिखवा कर अंगूठे का निशान ले लिया कि पीड़िता खुद मेडिकल जांच कराना नहीं चाहती है……..”
नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। वेशक यह लापरवाही की हद है। वह भी सरकारी एक महिला डॉक्टर की, जो कि सीएम के गृह जिले नालंदा के बिहार शरीफ शरीफ सदर अस्पताल में पदास्थापित है। उसका नाम है डॉ. स्वाति सिंह।
कहा जाता है कि बेन थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद रेप की शिकार बच्ची की ईलाज-जांच कराने खुद बिहारशरीफ सदर अस्पताल गई थी। लेकिन उस वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर स्वाति सिंह ने रेप शिकार बच्ची का ईलाज करना तो दूर, उसका आवश्यक मेडिकल जांच तक नहीं की।
उल्टे बिहार शरीफ सदर अस्पताल में उस डॉक्टर ने एक सादे पन्ने पर यह लिखवा कर मासूम पीड़िता के अंगुठे का निशान ले लिया गया कि पीड़ित बच्ची, जो मानसिक रुप से विक्षिप्त हैं, वह खुद जांच नहीं कराना चाहती है।
इस मामले को लेकर बिहार शरीफ सदर अस्पताल उपाधीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने पहले आवश्यक मीटिंग में होने की बात कही और उसके बाद अस्पताल पहुंचे बिना कुछ भी बताने में असमर्थता जताई।
बता दें कि नालंदा जिले के बेन थाना के एक गांव में एक वहशी दरींदे ने हद कर दी। उसने एक मंदबुद्धि की करीब 13 साल की बच्ची के साथ बड़ी बेरहमी से बलात्कार किया। यह घटना कल देर रात की है।
इस घटना के बाद गांव वालों ने वहशी युवक को पकड़ लिया और उसके साथ कोई अनहोनी होती कि सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद मौके वारदात पर पहुंची और आरोपी को अपने कब्जे में ले लिया और खून से लथपथ पीड़िता को उचित जांच-ईलाज के लिए अस्पताल भेजा।