पटना हाई कोर्ट द्वारा वन विभाग की जमीन से अवैध कब्जा हटाने और जिलाधिकारी को सशरीर उपस्थित होकर वस्तुस्थित स्पष्ट करने आदेश को लेकर नालंदा जिले के राजगीर वन प्रक्षेत्र में खानापूर्ति की जा रही है।
राजगीर (नीरज)। बीते 26 अगस्त को वन विभाग ने राजगीर में भूमिहीन व महादलित डोम जाति के इक्का-दुक्का घर को बुल्डोजर से रौंद डाला है, जबकि वन विभाग की भूमि पर काबिज वीरायतन के आलावे कई अन्य बड़े अतिक्रमणकारियों को छुआ तक नहीं है।
बताया जाता है कि वन विभाग दवारा छोटू डोम पिता श्री मुनारिक डोम का 5 फीट बाई 10 फी ईंट का करकटनुमा मकान एवं बच्चु डोम पिता स्व.रामचन्द्र डोम का झोपड़ीनुमा घर को जेसीबी से तहस-नहस कर डाला गया है।
इस मौके पर वन विभाग के अधिकारियों का प्रशासनिक सहयोग देने के लिये राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी, राजगीर भूमि सुधार उपसमाहर्ता, राजगीर अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी, राजगीर थाना पुलिस बल के साथ भारी तादात में सशस्त्र सैनिक बल मौजूद थे।
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने कैमूर व नालंदा जिलों में वन विभाग की करीव 300 एकड़ की पर भूमाफियाओं के अवैध कब्जे पर सख्त रुख अपनाते हुए दोनों जिलों के डीएम और डीएफओ समेत विभागीय हाकिमों को 28 अगस्त को अदालत में सशरीर तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
कोर्ट को बताया गया कि दोनों जिलों में वन विभाग की 300 एकड़ से अधिक भूमि पर अवैध कब्जा है। वहीं राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि सिर्फ 50 एकड़ पर अवैध कब्जा है, जिसे मुक्त किया जा रहा है।
इस पर हाईकोर्ट ने कि 50 एकड़ की बात तो दूर एक एकड़ पर भी कब्जा किसकी लापरवाही से हुआ है? अगली तिथि को इस मामले से जुड़े अफसर सशरीर उपस्थित होकर जबाव दें।
जानकार बताते हैं कि उसी आदेश के आलोक में नालंदा वन विभाग के अफसरों ने राजगीर वन क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त होने या कर दिये जाने की रिपोर्ट हाई कोर्ट में देने के लिये खानापूर्ति की गई है।