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    Saturday, April 27, 2024
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      एक साल से पड़ा है 40 करोड़, एक भी विश्वविद्यालय नहीं बन सका वाई-फाई कैंपस

      “डिजिटल कैंपस योजना के तहत झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों को फ्री वाई-फाई जोन में बदलना था। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान (रूसा) के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी थी।”

      रांची (न्यूज विंग)। डिजिटल इंडिया की तर्ज पर देश के सभी विश्वविद्यालयों को वाई-फाई जोन बनाया जाना था। इसके लिए 40 करोड़ रुपया एक साल से पड़ा हुआ है। लेकिन अब तक किसी विश्वविद्यालय को वाई-फाई जोन नहीं बनाया जा सका है।

      यहां तक कि किसी भी विश्वविद्यालय को वाई-फाई जोन बनाने की प्रक्रिया भी शुरु नहीं की गयी है। इस योजना की शुरुआत करने की पीछे मकसद यह था कि विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र फ्री इंटरनेट सेवा का लाभ उठा सके। झारखंड में यह योजना अब तक शुरु भी नहीं हुआ है।

      पहले दिया निक्सी को काम

      झारखंड के विश्वविद्यालयों को 40 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये थे। विश्वविद्यालयों को वाई-फाई कराने का काम राज्य की उच्च एवं एवं तकनीकि शिक्षा विभाग की देखरेख में होना है।

      विभाग ने एक साल पहले रांची विश्वविद्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय कैंपस को वाई-फाई करने के लिए नेशनल इंफारमेटिक्स सेंटर सर्विसेज को दिया गया था। इस कंपनी को सरकार ने कुल 40 करोड़ रुपया उपलब्ध करा दिया था।

      निक्सी ने वीप्रो को दिया काम

      निक्सी उपलब्ध कराने के बाद भी निक्सी ने कई माह तक काम शुरु नहीं किया। इसके बाद निक्सी ने वीप्रो कंपनी को यह काम दे दिया। लेकिन वीप्रो कंपनी ने भी अभी तक काम शुरु नहीं किया है।

       मामले की निपक्ष जांच की मांग

      अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के सदस्य व रांची विश्वविद्यालय का सीनेट सदस्य अटल पांडेय ने कहा है कि इस राज्य में पहली बार देखने को मिल रहा है कि काम करने से पहले ही पूरी राशि का आवंटन कंपनी को कर दिया गया।

      विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय को पहले यह बताया कि काम निक्सी कंपनी को दिया गया है। अब यह बताया जा रहा है कि काम वीप्रो कंपनी को दे दिया गया है। कुल मिलाकर देखें, तो निक्सी को टेंडर देने के बाद वीप्रो कंपनी पेटी कांट्रेक्टर बन गया है। यह पुरा मामला कमीशन खोरी की तरफ इशारा कर रहा है।  चुंकि राशि करोड़ों की है, इसलिए इसमें सरकार के बड़े अधिकारी के शामिल होने की आशंका है।

      श्री पांडेय ने मामले की निपक्ष जांच की मांग की है।

      जल्द शुरु होगा वाई-फाई जोन बनाने का काम

      उच्च एवं तकनीक शिक्षा विभाग के निदेशक अबू इमरान का कहना है कि विश्वविद्यालयों के कैंपस को वाई-फाई जोन बनाने के लिए सरकार गंभीर है। कुछ दिन पहले विश्वविद्यालयों को कुलपति, कुलसचिव एवं सीसीडीसी के साथ बैठक कर उन्हें यह जानकारी दी गयी है कि वाई-फाई जोन बनाने का काम वीप्रो कंपनी कर रही। काम जल्द शुरु होगा।

       

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