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    Friday, April 26, 2024
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      अदद एफआईआर के लिए 8 माह भटकने के बाद पीड़ित पहुंचा लोक शिकायत

      बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जरा कल्पना कीजिए कि किसी किसान की ट्रैक्टर हथियार के बल लूट जाए और उसकी लिखित शिकायत पर थाना में एफआईआर दर्ज करना तो दूर, उल्टे डांट-डपट के भगा दिया जाए।

      डीएसपी-एसपी से शिकायत और नालन्दा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश भी नक्कारखाने की तूती बन जाए और पीड़ित को अदद एफआईआर दर्ज करवाने के लिए लोक शिकायत निवारण का दरवाजा खटखटाना पड़े तो पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सबाल उठना लाजमि है।

      खबर है कि सिलाव थाना के रामनगर गांव निवासी मुन्ना कुमार ने राजगीर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कार्यालय में एक अनन्य संख्या-999990115041963794 परिवाद दर्ज कराई है, जिसकी सुनवाई कल यानि 29 अप्रैल,2019 को निर्धारित की गई है। यह परिवाद 15 अप्रैल,2019 को दायर की गई थी।

      इस परिवाद के अनुसार पूर्व एसपी सुधीर कुमार पोरिका, वर्तमान राजगीर डीएसपी सोमनाथ प्रसाद को त्वरित लिखित शिकायत एवं वर्तमान एसपी नीलेश कुमार द्वारा भी सचिव, नालन्दा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के बाबजूद 9 माह बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है।

      इस परिवाद में हरवे-हथियार के बल पर मार-पीट कर ट्रैक्टर (BR21GA8828) को जबरन छिनने वाले नामजद अभियुक्तों पर कानून कार्रवाई करने एवं सभी संबंधित विहित प्रक्रिया अपनाने के बाद भी एफआईआर करने-कराने में आनाकानी करने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कराने की मांग की गई है।

      वेशक यह परिवाद एक नजीर है कि पीड़ित को एक गंभीर अपराध की वारदात के मामले में अदद एफआईआर दर्ज करने के लिए लोक शिकायत निवारण का दरवाजा खटखटाना पड़े।

      जबकि अमुमन फर्जी एफआईआर दर्ज करने में माहिर नालंदा पुलिस के प्रायः थानों में गंभीर अपराधों की शिकायत दर्ज करने में आनाकानी की जाती है। आरोपी जब प्रभावशाली हो तो आम आदमी की फरियाद को जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी निजी स्वार्थ में लिप्त हो जाते हैं।

      वरीय अफसरों से शिकायत के बाबजूद थानाध्यक्षों की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और उधर वरीय अधिकारी भी बाद में शिकायत को लेकर खुद पंगु नजर आते हैं।

      बता दें कि यह मामला नालंदा जिले के बेन थाना से जुड़ा है। सिलाव थाना के रामनगर गांव निवासी मुन्ना कुमार के जबरन ट्रैक्टर लूट की लिखित शिकायत को वेन थानाध्यक्ष ने नहीं लिया।

      मुन्ना कुमार की शिकायत थी कि 30 अगस्त,2018  दिन शुक्रवार की संध्या करीब 5 बजे बेन थाना के देवरिया गांव के पास अचानक 6-7 की संख्या में अपराधियों ने उनकी ट्रैक्टर (BR21GA 8828) को हरवे-हथियार से लैस होकर घेर लिया और मारपीट करते हुये ट्रैक्टर लूट कर फरार हो गए।

      सारे अपराधी एक बोलोरो में सवार थे और उसे भी अपहरण कर साथ ले जाने का असफल प्रयास किया। साथ ही यह धमकी दी कि यदि पुलिस को इस वारदात की सूचना दी तो अंजाम बुरा होगा।

      इस अपराध में एक की पहचान अमित कुमार राय के रुप की गई, जिसका मोबाईल नंबर- 9470702230 / 8789129357 तक बताया गया। इसके बाबजूद थानाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की।

      मुन्ना कुमार ने उसके बाद इसकी लिखित शिकायत 4 सितंबर, 2018 को राजगीर डीएसपी के साथ नालंदा एसपी को भी भेजी, लेकिन वह भी अप्रभावी रहा। इसके बाद पीड़ित ने नालन्दा जिला विधिक सेवा प्राधिकार की शरण ली। जिसके सचिव ने कई बार मामला दर्ज करने के निर्देश दिए, लेकिन यहां भी पुलिस की थेथरई कायम रही। क्योंकि आरोपी एक प्रभावशाली फायनेंसर है, जिसके गुर्गों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया है।

      ऐसे मामलों की प्राथमिकी फौरिक तौर पर दर्ज होनी चाहिए थी, लेकिन घटना के 9 माह बाद भी पुलिस की कर्तव्यहीनता अनेक सबाल करती है। अब देखना है कि राजगीर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय इस मामले में क्या आदेश देती है।

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