सरायकेला (एक्सपर्ट मीडया न्यूज)। आदित्यपुर नगर निगम का नगर परिषद से लेकर नगर निगम तक का कार्यकाल विवादों और सुर्खियों में रहा है। हर विवाद के पीछे माननीयों का स्वार्थ निहित रहा है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
इस विवाद के बीच जनता मूक दर्शक बन बस यही सोच रही है कि अब क्षेत्र का विकास होगा। लेकिन नगर निगम क्षेत्र का आलम ये है कि पिछले 13 सालों से सीवरेज- ड्रैनेज और कचरा प्रबंधन तक ही विकास कार्य सिमट कर रह गए हैं, जो अबतक पूरा नहीं हो सका है।
वैसे बीजेपी को नगर निगम क्षेत्र में काफी विकास नजर आ रहा है। और बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मेयर को विकास पुरुष की संज्ञा दी है। चलिए ये अच्छी बात है। पार्टी अपने मेयर के बचाव में उतरती है तो इससे हमें कोई गुरेज नहीं। जवाब जनता खुद दे देगी।
हम यहां अपने पाठकों का ध्यान इस खास पार्षद सह भाजपा नेत्री की ओर इंगित कर रहे हैं, जिन्होंने ठीक एक साल पूर्व मेयर पर कई संगीन आरोप लगाए थे और उस वक्त मीडियाकर्मियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता को गुमराह किया था।
ये हैं भाजपा की तेज तर्रार नेत्री और आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 31 की पार्षद श्रीमती रिंकू राय। पिछले दिनों मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव पर कई गंभीर आरोप बजावते प्रेस कांफ्रेंस कर लगाए थे।
सोमवार को मेयर को विकास पुरुष बताने के लिए भाजपा आरआईटी मंडल ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया, जिसमें विकास चालीसा पढ़ने भाजपा नेत्री सह पार्षद रिंकू राय भी मौजूद रहीं।
तीन-चार साल पहले भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष और तीन- तीन बार वार्ड 29 की पार्षद रहीं दिवंगत राजमणि देवी की उंगली पकड़कर भाजपा के राजनीति का ककहरा सिखनेवाली आज भाजपा के उस प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहीं, जिसमें भाजपा नेताओं ने मेयर को विकास पुरुष की संज्ञा देने का काम किया।
पार्षद ने खुले मंच पर मेयर पर बदसलूकी करने और दिवंगत पार्षद राजमणि देवी की तरह खुद को भी मेयर पर प्रताड़ित कर मारने तक का आरोप लगाया था। इसका मतलब था कि मेयर ने महिला पार्षद दिवंगत राजमणि देवी को प्रताड़ित किया था!
खैर अब वो इस दुनियां में नहीं रहीं। इस पर चर्चा करना सही नहीं होगा। सवाल यह नहीं है कि श्रीमती राय उक्त प्रेस कांफ्रेंस में क्यों मौजूद रहीं।
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सवाल यह है कि एक साल पूर्व श्रीमती राय ने जिस मेयर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए खुद को जलील करने और विकास के फंड का डकारने का आरोप लगाया था, अचानक 12 महीने में ऐसा क्या हुआ कि मेयर का शुद्धिकरण हो गया और वे भ्रष्टाचारी से विकास पुरुष बन गए! निगम क्षेत्र की जनता ये जानना चाहती है।
उस वक्त भी श्रीमती राय बीजेपी की नेत्री थी, आज भी बीजेपी की नेत्री हैं। श्रीमती राय ने उस वक्त मेयर पर आदित्यपुर कॉलोनी के मार्ग संख्या 4 से 19 तक बने मुख्य सड़क की गुणवत्ता पर भी मेयर की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
विवाद उठने पर उक्त सड़क का काम आज भी अधूरा है, जबकि सीवरेज- ड्रैनेज, अंडरग्राउंड केबलिंग और गैस पाइपलाइन के कारण उक्त सड़क को एक साल के भीतर ही खोद दिया गया, जिससे जांच तो दूर अब फिर से सड़क के लिए नया टेंडर निकलने की तैयारी चल रही है।
वैसे पूरे निगम क्षेत्र की सड़कों की कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। ऐसे में भाजपा किस लिहाज से मेयर को विकास पुरुष मान रही है ये उसे स्पष्ट करना चाहिए। जबकि डिप्टी मेयर और बाकी के ज्यादातर भाजपाई पार्षदों को इसका श्रेय देना भी भाजपाई भूल गए।
बहरहाल, पार्षद रिंकू राय को लेकर ब्रम्हर्षि समाज भी असमंजस की स्थिति में है। पिछले विवाद के बाद ब्रम्हर्षि समाज ने तो बजावते पार्षद के समर्थन में मेयर से पार्षद से माफी मांगने का फरमान जारी कर दिया था।
साथ ही मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही थी। जब खुद पार्षद रिंकू राय ने ही यू टर्न ले लिया है तो, ब्रम्हर्षि समाज के लोग भी असमंजस में पड़ गए हैं।