एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क।अमुमन नालंदा जिले के कई थाना ‘हुक्कुमराने मां बदौलत’ चल रही है। सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं दिखता। चंडी थाना के बारे में काफी शर्मनाक मामला उभरकर सामने आया है। यहां थानेदार के उपर एक सुपर थानेदार बना बैठा है। आम जन इस सुपर थानेदार से त्रस्त हैं, लेकिन लाख शिकायत और जानकारी के बाबजूद कोई वरीय पदाधिकारी इसे देखने वाला नहीं है। जोकि भ्रष्ट पुलिस-तंत्र व्यवस्था में कई सबाल खड़े करते हैं।
ग्रामीणों ने चंडी थाना के एक रिटार्यड दफादार घोर अनर्थ एवं अनर्थ के संबंध में वरीय पुलिस पदाधिकारियों को एक ताजा शिकायत पत्र भेजी है।
उस शिकायत पत्र के अनुसार दलाली में माहिर रिटायर्ड दफादार कमल किशोर शर्मा पिछले 4 वर्षों से सिरिस्ता में काम करते हैं, जो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है, चाहे थाना की गोपनीयता ही भंग क्यों न हो जाए अथवा अन्य कर्मचारी की जान व नौकरी ही क्यों न चला जाए।
आगे लिखा है कि उक्त दफादार थानाध्यक्ष की मिलीभगत से सुबह साढ़े 5 बजे से देर रात 10-11 बजे तक थाना में ही अड्डा जमाए रहता है सारा सरकारी कार्य वही करता है।
यहां थानाध्यक्ष की भूमिका सिर्फ रबर स्टंप की है। कहीं कहीं तो गंभीर सरकारी कागजातों पर रिटार्यड दफादार खुद ही अवैध वसूली के लिए हस्ताक्षर कर डालता है।
शिकायत के अनुसार कथित दफादार वाहनों की धड़-पकड़ में भी मोटी वसूली करता है और स्थानीय दुकानदारों को पर्व-त्योहारों में मनमाफिक खर्चा-पानी नहीं मिलने पर धारा-107 में नाम देकर परेशान करते रहता है।
यही नहीं, यह दफादार थाना की महत्वपूर्ण फाइलों को नीजि कब्जे में लेकर लोगों को ब्लैकमेलिंग करने में माहिर है।
बता दें कि अपने तबादले की पूर्व संध्या पर नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने चंडी थाना का औचक निरीक्षण किया। हालाँकि उनके आने की सूचना हिलसा एसडीपीओ को मिल चुकी थी। एसपी के आने से पहले ही डीएसपी कमान संभाल चुके थे।
एसपी सुधीर पोरिका के पहुँचते ही थाना के पुलिसकर्मियों के बीच अचानक उथल-पुथल सी मच गई थी। तब पोरिका ने चंडी थाना से संबंधित मिल रही शिकायतों से नाराज दिखे थे।
उन्होंने चंडी थानेदार को कार्यशैली में सुधार लाने की बात कहते हुए जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि चंडी थाना में कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ कई बार शिकायतें मिली है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एसपी ने कहा कि पीड़ितों को जल्द इंसाफ दिलाने का प्रयास किया जाएं न कि उनसे किसी प्रकार की वसूली। एसपी ने चंडी थाना में कई लंबित केस मामलों से जुड़े कागजात का भी निरीक्षण किया।
चंडी थाना में औचक निरीक्षण को पहुँचे निवर्तमान एसपी सुधीर कुमार पोरिका के निर्देश पर हिलसा डीएसपी ने चंडी थाना के एक रिटायर्ड दफादार के मकान पर छापेमारी की, जहाँ कई ऐसे मामले की फाइले थाना न रखकर उनके आवास पर थी।
जब डीएसपी रिटायर्ड दफादार के आवास पर छापेमारी करने पहुँचे तो वहाँ ताला लगा हुआ था। चाबी नहीं मिलने पर मकान का ताला तोड़ा गया। डीएसपी की छापेमारी में कई महत्वपूर्ण फाइल बरामद हुई थी। दफादार पर आरोप था कि उन्होंने थाना को बिचौलियों का अड्डा बनाकर रखा हुआ था।
चंडी थाना की की कई गोपनीय फाइल गायब थी, जो उनके आवास से बरामद की गई। रिटायर्ड दफादार के खिलाफ बताया जा रहा है कि रिटायर्ड के बाद भी वह थाना में काम कर रहे थे।
उन पर कई गंभीर आरोप भी बताये जा रहे है। जिनकी शिकायत नालंदा एसपी को मिल रही थी। तब चंडी थानेदार चंचल कुमार की कार्यशैली काफी संदेहास्पद रुप से उभरकर सामने आई थी।
इसके ठीक पूर्व चंडी बाजार में खूब चर्चा थी कि चंडी थाना के पास नशे में धूत कई लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पैसे लेकर छोड़ दिया गया था। जिसमें एक स्कार्पियों भी पकड़ी गई थी। इसकी सूचना भी एसपी पोरिका को दी गई थी।
लेकिन, पूर्व एसपी की जांच-पड़ताल भी ठंढे बस्ते में पड़ गई और चिन्हित रिटार्यड दफादार की सुपर थानेदारी जारी रही। शायद इस सुपर थानेदार क्षेत्र की रग-रग से वाकिफ है और इसके आगे पदस्थ थानेदार केस मैनेजमेंट में बौने साबित होते हैं।
बहरहाल, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के पास कई ऐसे अहम दस्तावेज उपलब्ध कराएं गए हैं, जिससे साफ स्पष्ट होता है कि इसमें थानाध्यक्ष की भूमिका काफी संदिग्ध है औऱ जिम्मेवार वरीय पुलिस अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। थानेदार के उपर अदद रिटार्यड दफादार का सुपर थानेदार की भूमिका बहुत कुछ कहती है।
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