झारखंडदेशबिग ब्रेकिंगशिक्षासरकार

झारखंड में ऐतिहासिक निर्णय: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम अब वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय

यह नाम परिवर्तन न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि यह झारखंड के शैक्षिक परिदृश्य में एक नई सोच को दर्शाता है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि विश्वविद्यालय में जनजातीय इतिहास, संस्कृति, और स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन की भी चर्चा है...

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड की राजधानी रांची में आज एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसके तहत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) का नाम बदलकर वीर शहीद बुधु भगत विश्वविद्यालय कर दिया गया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस कदम को आदिवासी समाज के गौरव और स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

यह मांग लंबे समय से झारखंड के आदिवासी समुदाय और विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा उठाई जा रही थी। विशेष रूप से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक विकास मुंडा ने मार्च 2025 में विधानसभा में गैर-सरकारी संकल्प के माध्यम से इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था। उन्होंने तर्क दिया था कि वीर बुधु भगत, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लरका और कोल विद्रोह का नेतृत्व किया, झारखंड के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नायक थे। उनके नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण न केवल उनके बलिदान को सम्मान देगा, बल्कि युवा पीढ़ी को उनके योगदान से प्रेरणा भी मिलेगी।

उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा था, “अगर हमारी सरकार अपने शहीदों को सम्मान नहीं देगी, तो कौन देगा? शहीदों के नाम पर विश्वविद्यालय होने से छात्रों को अपने इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को जानने का अवसर मिलेगा।” इस घोषणा के बाद, कैबिनेट ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2017 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दे दी, जिससे नाम परिवर्तन का रास्ता साफ हो गया।

वीर बुधु भगत का जन्म 17 फरवरी 1792 को रांची जिले के शिलागाईं गांव में उरांव जनजाति में हुआ था। उन्होंने 19वीं सदी में अंग्रेजों के शोषण, दमन और अत्याचार के खिलाफ मुखर विद्रोह किया। लरका और कोल विद्रोह के नायक के रूप में उन्होंने आदिवासी समाज में राष्ट्रीय चेतना जगाई और स्वाभिमान की अलख जलाए रखी। तीर-धनुष और गुरिल्ला युद्ध की रणनीति के साथ उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी चुनौती दी। उनके नेतृत्व में आदिवासी समुदाय ने संगठित होकर विद्रोह किया, जो झारखंड के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया।

हालांकि, उनके संघर्ष को इतिहास में वह स्थान नहीं मिल सका, जिसके वे हकदार थे। इस नामकरण के माध्यम से झारखंड सरकार ने उनके बलिदान को अमर करने का प्रयास किया है। आदिवासी छात्र संघ और अन्य संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे “ऐतिहासिक न्याय” करार दिया है।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, जिसे पहले रांची कॉलेज के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 1926 में हुई थी। यह रांची विश्वविद्यालय के सबसे पुराने घटक संस्थानों में से एक है। 1946 में इसे स्नातक स्तर और 1951 में स्नातकोत्तर स्तर तक उन्नत किया गया। वर्तमान में यह 22 विषयों में स्नातक (ऑनर्स और सामान्य), 10 विषयों में स्नातकोत्तर, और कंप्यूटर एप्लीकेशन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा स्नातक, और मास्टर ऑफ लॉ जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

2017 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने रांची कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देकर इसका नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा था। हालांकि इस निर्णय का उस समय आदिवासी और मूलवासी छात्रों ने विरोध किया था, जिनका मानना था कि यह नामकरण झारखंड के स्थानीय नायकों के योगदान को नजरअंदाज करता है।

कैबिनेट के इस निर्णय की घोषणा के बाद, सोशल मीडिया और जनसामान्य में उत्साह का माहौल है। एक्स पर कई उपयोगकर्ताओं ने इसे झारखंड के आदिवासी समाज के लिए गर्व का क्षण बताया। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “यह निर्णय झारखंड के आदिवासी स्वाभिमान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। वीर बुधु भगत अमर रहें!”

आदिवासी छात्र संघ, अबुआ अधिकार मंच, और अन्य संगठनों ने इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए सरकार को धन्यवाद दिया। हालांकि, कुछ संगठनों ने मांग की है कि विश्वविद्यालय में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभागों को और मजबूत किया जाए, ताकि स्थानीय संस्कृति और इतिहास को और बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
फुरसत के पलः हेमंत सोरेन का बाल-दाढ़ी संवारती दिखी कल्पना सोरेन बिहार की गौरव गाथा का प्रतीक वैशाली का अशोक स्तंभ इस ऐतिहासिक गोलघर से पूरे पटना की खूबसूरती निहारिए Hot pose of actress Kangana Ranaut : कंगना रनौत की हॉट तस्वीर

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker