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EOU की रिमांड पर संजीव मुखिया, CBI दिल्ली की टीम भी करेगी पूछताछ

कुख्यात परीक्षा माफिया संजीव उर्फ लूटन मुखिया की गिरफ्तारी ने पटना से लेकर दिल्ली तक इस मामले ने जांच एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है, जो न केवल परीक्षा माफिया के खिलाफ कार्रवाई को तेज करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मददगार साबित होगी..

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक बार फिर अंतर्राज्यीय परीक्षा माफिया के सरगना संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया को गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। पटना सिविल कोर्ट ने ईओयू की याचिका को मंजूर करते हुए बेऊर जेल में बंद संजीव को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। इस रिमांड के दौरान ईओयू की टीम संजीव से गहन पूछताछ करेगी, जिससे परीक्षा माफिया के गहरे राज खुलने की संभावना है।

प्रारंभिक पूछताछ में संजीव मुखिया ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उसने बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में हुए विभिन्न पेपर लीक मामलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। ईओयू के अधिकारियों ने जब उससे पूछा कि एक सरकारी नौकरी में रहते हुए वह इस तरह के अपराध में क्यों शामिल हुआ तो उसका जवाब हैरान करने वाला था। संजीव ने कहा कि उसे अपनी पत्नी को एक बार एमपी या एमएलए बनाना है। चुनाव लड़ने में बहुत खर्च होता है और पेपर लीक से ही इतना पैसा कमाया जा सकता है।

संजीव ने आगे खुलासा किया कि नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत भुतहाखार पंचायत की मुखिया रही उसकी पत्नी ने वर्ष 2020 में हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन हार गई थी। अब वह अपनी पत्नी को लोकसभा चुनाव में उतारने की योजना बना रहा था, जिसके लिए उसे भारी धनराशि की जरूरत थी। इस धन की व्यवस्था के लिए वह पेपर लीक के धंधे में सक्रिय था।

हालांकि संजीव मुखिया की संलिप्तता केवल बिहार तक सीमित नहीं है। झारखंड के सीजीएल (सामान्य स्नातक परीक्षा) प्रश्नपत्र लीक मामले में भी उसका नाम सामने आया है। रांची, देवघर और हजारीबाग में उसके गिरोह के कई सदस्य सक्रिय पाए गए हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई की पटना इकाई के बाद अब दिल्ली की सीबीआई टीम भी पटना पहुंच चुकी है। यह टीम संजीव से पूछताछ करेगी और उसे रिमांड पर लेकर और गहरी जानकारी हासिल करने की कोशिश करेगी।

ईओयू ने संजीव को गिरफ्तार करने के बाद उसे जेल भेज दिया था। लेकिन अब रिमांड पर लेने के बाद उससे और गहरे सवाल-जवाब किए जाएंगे। अधिकारियों का मानना है कि संजीव के पास परीक्षा माफिया के अंतर्राज्यीय नेटवर्क की कई अहम जानकारियां हैं। जिनके खुलासे से इस गिरोह का पूरी तरह पर्दाफाश हो सकता है। ईओयू ने पहले भी संजीव के कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन संजीव की गिरफ्तारी को सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।

संजीव मुखिया की रिमांड और सीबीआई की पूछताछ से कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। यह मामला न केवल बिहार और झारखंड, बल्कि अन्य राज्यों में भी फैले परीक्षा माफिया नेटवर्क की गहरी जड़ों को उजागर कर सकता है। इस पूछताछ से न केवल अपराधियों के नाम सामने आएंगे, बल्कि यह भी पता चल सकता है कि इस नेटवर्क को कौन-कौन से बड़े लोग संरक्षण दे रहे हैं और किन-किन अभ्यर्थी लोगों को लाभ मिला है।

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