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      बिहार भू सर्वे: दूसरे चरण की प्रक्रिया तेज़, शहरी क्षेत्रों में जल्द शुरू होगा कार्रवाई

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में ज़मीन सर्वेक्षण (बिहार भू सर्वे) की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। वर्तमान में दूसरे चरण के अंतर्गत रैयतों को स्वघोषणा करने की समय सीमा मार्च 2025 तक तय की गई है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संभव होगी। जिससे भूमि मालिकों को अपनी संपत्ति से संबंधित आवश्यक जानकारी दर्ज कराने का पूरा अवसर मिलेगा।

      राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सर्वेक्षण की गति को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर योजनाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में ज़मीन सर्वे की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई और अब शहरी इलाकों में इसे लागू करने की तैयारी हो रही है। विभाग जल्द ही शहरी क्षेत्रों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा। जिससे भूमि मालिकों को उनकी ज़मीन से जुड़े दस्तावेज़ों को अपडेट करने में आसानी होगी।

      दूसरे चरण में 18 जिलों के 26786 मौजों में ज़मीन सर्वेक्षण का कार्य जारी है। हालांकि ऑनलाइन स्वघोषणा प्रणाली को 21 फरवरी तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। क्योंकि विभागीय सर्वर में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। हर प्रमंडल के लिए अलग-अलग सर्वर स्थापित किए जा रहे हैं। जिससे तकनीकी रूप से यह प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सकेगी।

      ऑनलाइन प्रणाली के अस्थायी रूप से बंद होने के कारण रैयतों को अपनी ज़मीन से संबंधित स्वघोषणा और दस्तावेज़ अंचल स्तर पर स्थापित विशेष सर्वेक्षण शिविरों में जमा करने की सुविधा दी गई है। इससे उन्हें सरकारी कार्यालयों में बार-बार जाने की समस्या से राहत मिलेगी।

      अब तक लगभग 78 लाख रैयतों ने अपनी भूमि की स्वघोषणा पूरी कर दी है। लेकिन ऑनलाइन प्रणाली के अस्थायी रूप से बंद होने से इसमें कमी आई है। क्योंकि दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को अंचल कार्यालयों में जाकर फॉर्म जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

      सरकार का लक्ष्य भूमि मालिकों को अधिक अधिकार देना और ज़मीन के स्वामित्व को पारदर्शी बनाना है। ज़मीन सर्वेक्षण की यह प्रक्रिया न केवल भू-अधिकारों को सुनिश्चित करेगी, बल्कि ज़मीन से जुड़े कानूनी विवादों को भी कम करेगी। शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण की शुरुआत से भू-स्वामित्व की समस्याओं को सुलझाने में और अधिक प्रभावी परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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