“वैसे भेद खुलते ही सभी भाजपा नेताओं ने अपने-अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए। हालांकि उनके घरों पर भी जाकर संपर्क साधने का प्रयास किया गया। लेकिन सभी अपने घरों से गायब ही मिले…”
सरायकेला-खरसावां (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। भाजपा की एक शर्मनाक करतूत सामने आई है। जहां आरआईटी मंडल भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी स्वप्निल सिंह, आदित्यपुर नगर निगम के मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव के करीबी अजय व पंकज ने वार्ड 29 के महावीर नगर में रात के अंधेरे में गरीबों के बीच मोदी आहार बता श्राद्धभोज में बचा भोजन मोदी आहार के नाम पर बंटवा दिया।
बताया जा रहा है कि आदित्यपुर कॉलोनी रोड नंबर 14 स्थित झुमुक लाल की मां का आज श्राद्ध भोज था। लॉक डाउन की वजह से श्राद्ध भोज में काफी कम लोग ही जुटे, जिससे काफी खाना बच गया। उसे उन्होंने गरीबों के बीच बांटने की बात कहीं। ले
किन उनके पड़ोस में रहनेवाले भाजपा नेता स्वप्निल सिंह ने उक्त भोजन को अच्छी तरह से कंटेनर में पैक करवा कर आरआईटी मंडल अध्यक्ष मनोज तिवारी, मेयर के करीबी अजय एवं पंकज और झुमुक लाल के भाई को साथ लेकर वार्ड 29 के महावीर नगर में जाकर बंटवा दिया।
वैसे खाना लेने वालों में एक शख्स ऐसा भी निकला जिसने उक्त श्राद्ध भोज में भोजन किया था। फिर क्या था। देखते ही देखते महावीर नगर में सनसनी फैल गई। लोग भाजपा नेताओं को ढूंढने लगे। हर कोई अपने अपने स्तर से बददुआएं देने लगे।
निश्चित तौर पर ऐसे विपरीत हालात के बीच जो अमानवीय चेहरा इन भाजपाइयों ने दिखाया है, उससे पूरी मानवता ही कटघरे में खड़ी हो गई।
गौरतलब है कि आज दिन भर भाजपाइयों ने उपवास रखकर झारखंड सरकार से प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों को लाने के नाम पर सोशल मीडिया व तमाम मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी, लेकिन जिस चरित्र का इन्होंने परिचय दिया, उससे हर गरीबों को सोचने पर विवश कर दिया कि क्या यह वही पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई सरीखे नेताओं की पार्टी रह गई है!
जिन गरीबों, जरूरतमंदों, असहायों एवं पीड़ित मानवता की सेवा करने का दंभ पीएम मोदी कर रहे हैं, क्या ये वही भाजपाई है। जिनके दम पर वे ऐसा कह रहे हैं।
वैसे आपको बता दें कि वार्ड 29 की दिवंगत पार्षद राजमणि देवी के निधन के बाद वार्ड की जनता अनाथ हो गई है। और इस वैश्विक महामारी के दौरान जिस तरह से यहां की जनता राजनीतिक षड्यंत्र की शिकार हो रही है। उससे यहां की जनता अब कराह रही है।
कभी मेयर पर यहां की जनता के साथ भेदभाव का आरोप लगता है तो कभी भाजपाई इन्हें श्राद्ध में बचा खाना खिलाकर सहानुभूति बटोरना चाह रहे हैं। वैसे जनता है, जो अपने साथ हो रहे अत्याचार को समझ रही है।
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद स्थितियां सामान्य होते ही यहां चुनाव होना है। अब जनता को तय करना है कि वह इन अपमानों का बदला कैसे लेती हैं।