Home बिग ब्रेकिंग भाजपा की जड़ पर मांझी का हमला जारी, कहा- ‘विदेशी हैं सवर्ण,...

भाजपा की जड़ पर मांझी का हमला जारी, कहा- ‘विदेशी हैं सवर्ण, मंदिरों में न जाएं दलित’

0

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। इन दिनों बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी नीतीश सरकार के अहम सहयोगी भाजपा पर परोक्ष-अपरोक्ष रुप से काफी हमलावर दिख रहे हैं। वे भाजपा वोट बैंक की नीति की जड़ पर प्रहार करते हुए एक और बड़ा बयान दिया है।

राम और रामायण के अस्ति‍त्‍व को नकारने एवं उसे महज एक कहानी करार देकर अचानक सुर्खियों में आए श्री मांझी ने एक और बड़ा विवादित वयान दिया है।

खबरों के मुताबिक श्री मांझी ने सवर्ण समाज को विदेशी करार देते हुए कहा कि वे नहीं चाहते कि अनुसूचित जाति के लोग मंदिरों में जाएं। ऐसे में अनुसूचित जाति के लोग मंदिरों का बहिष्कार करें।

वहीं, भाजपा विधायक हरिभूषण बचौल के मांझी को राक्षस कहे जाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि पहले भी जो अच्छा काम करने वाला था, उसे राक्षस कहा जाता था।

बता दें कि कर्नाटक में अनुसूचित जाति के बच्चे के मंदिर में प्रवेश करने पर जुर्माना लगाए जाने की घटना पर मांझी ने अपनी नाराजगी का इजहार ट्विटर के जरिए किया था।

उन्‍होंने कहा कि वे सदियों के दर्द को बयान भर कर रहे हैं। गुस्से का अब-तक हमने इजहार कहां किया।

भाजपा पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म के राजनीतिक ठेकेदारों की जुबान ऐसे मामलों में खामोश हो जाती है। अब कोई कुछ नहीं बोलेगा, क्योंकि धर्म के ठीकेदारों को पसंद नहीं कि अनुसूचित जाति के लोग मंदिर में जाएं। धर्मिक काव्यों पर टिप्पणी करें।

उन्‍होंने धर्म के ठीकेदारों का नाम नहीं लिया, लेकिन इसे सीधे तौर पर भाजपा की आलोचना माना जा रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि राम के अस्तित्‍व पर सवाल उठाए जाने का विरोध भाजपा के ही नेताओं ने ही किया है। मांझी का ताजा बयान भी उसी कड़ी का हिस्‍सा है।

 

बिहार में छोटे बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्र समेत सभी स्कूल खोलने का आदेश
गया-नालंदा में भीषण सड़क हादसाः कंटेनर-ट्रक ने 7 बाइक सवार को कुचला, 6 लोगों की मौत, एक गंभीर
जेजेबी जज ने मिठाई चोर को किया रिहा, कहा- ऐसे तो ‘माखनचोर श्रीकृष्ण लीला’ ही न होती ! जानें बड़ा रोचक मामला
शिक्षा मंत्री को DC के पास 27 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर HC से मिली अग्रिम जमानत
नीतीश मंत्रिमंडल ने लगाई 21 एजेंडों पर मुहर, शारीरिक शिक्षकों की बहाली समेत जानें अन्य अहम फैसले

 

error: Content is protected !!
Exit mobile version