एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। बिहार की राजनीति के सबसे बड़े कद्दावर नेता एवं चारा घोटाला में सजाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं उनके परिवार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं दिख रही है।
खबर है कि श्री लालू प्रसाद वर्ष 2004-2009 तक जब रेल मंत्री थे, तब बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थ वर्गीय पद पर नौकरी दी गई। नौकरी देने के एवज में उनके या उनके परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई।
ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिए हस्तांतरित की गई। जमीन का कुल रकबा 1,05,292 वर्गफुट है।
वर्तमान में सर्किल रेट के हिसाब से इसकी कीमत 4 करोड़ 39 लाख 80 हजार 650 रुपये है। आरोप है कि जमीन के बदले रेलवे के अलग-अलग जोन में इनकी नियुक्ति की गई। अधिकतर जमीनों की खरीद भी कैश में दिखाई गई है।
रेलवे नियुक्ति घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में वैसे लोगों को भी नामजद किया गया है, जिन्होंने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी पाई है। जमीन किसने और कितनी दी इसका भी जिक्र एफआईआर में किया गया है।
सीबीआई ने एफआईआर में लालू परिवार के चार सदस्यों के साथ जमीन देकर नौकरी लेनेवाले 12 व्यक्तियों का भी पूरा ब्योरा दिया है। ये सारी जमीन पटना में ही हैं। इनका कुल रकबा 1,05,292 वर्गफुट है। सर्किल रेट के अनुसार अभी इनकी कीमत 4,39,80,650 रुपए है।
लालू परिवार के चार सदस्यों के साथ निम्न 7 लोग बनाए गए हैं आरोपी…👇
- राजकुमार, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को नौकरी देने के नाम पर किशुन देव राय और उनकी पत्नी सोनमतिया देवी से छह फरवरी 2008 को महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर कराई गई। जमीन की कीमत 3.75 लाख दिखाई गई है। इसके एवज में तीनों को सेंट्रल रेलवे, मुबंई में नौकरी मिली
- संजय राय, धर्मेद्र राय, रवींद्र राय ने अपने पिता कामेश्वर राय की महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन छह फरवरी 2008 को राबड़ी देवी के नाम पर रजिस्ट्री की। इसके एवज में इन्हें सेंट्रल रेलवे, मुंबई में ग्रुप-डी में नौकरी मिली।
- किरण देवी नाम की महिला ने 28 फरवरी 2007 को बिहटा की अपनी 80905 वर्गफुट (एक एकड़ 85 डिसमिल) जमीन लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती के नाम कर दी। इस जमीन के एवज में किरण देवी को 3.70 लाख रुपए और उनके पुत्र अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी दी गई।
- हजारी राय ने महुआबाग की अपनी 9527 वर्गफुट जमीन 10.83 लाख रुपए लेकर मेसर्स एके इंफोसिस के नाम लिख दी। इसके एवज में हजारी राय के दो भांजे दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार में से एक को पश्चिम सेंट्रल रेलवे, जबलपुर और दूसरे को पूर्वोत्तर रेलवे कोलकाता में नौकरी दी गई। जांच में पाया गया कि इस कंपनी की सारी संपत्ति पूरे अधिकार के साथ वर्ष 2014 में लालू प्रसाद की बेटी और पत्नी को हस्तांतरित किए गए।
- लाल बाबू राय ने महुआबाग की अपनी 1360 वर्गफुट जमीन 23 मई 2015 को राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर की, जिसके एवज में लाल बाबू को 13 लाख रुपए मिले। इसके पहले ही उनके पुत्र लालचंद कुमार को 2006 में उत्तर-पश्चिम रेलवे, जयपुर में नौकरी लग गई थी।
- ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफुट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की। बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी। जमीन जब तोहफे में दी गई उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था। हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी।
- विशुन देव राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को सीवान के रहनेवाले ललन चौधरी के नाम ट्रांसफर की। ललन चौधरी ने यह जमीन हेमा यादव को 28 फरवरी 2014 को तोहफे में दे दी। सीबीआई के मुताबिक इस तोहफे के बदले में विशुन देव राय के पोते पिंटू कुमार को पश्चिम रेलवे, मुंबई में नौकरी दी गई।