नई दिल्ली (INR). बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में रोहतक रोड पर स्थित एक गोदाम में शुक्रवार दोपहर भीषण आग लग गई। इस घटना में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग जख्मी हो गए। मृतकों और घायलों में ज्यादा महिलाएं थीं।
घटना की सूचना मिलने के बाद दमकल की गाड़ियों को भी मौके पर पहुंचने में काफी समय लग गया। इस बीच पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
बाद में दमकल की टीम ने आग बुझाने का काम शुरू किया। आग इतनी भीषण थी कि आस-पास के तमाम फायर स्टेशनों से 25 गाड़ियां मौके पर बुलानी पड़ी।
मेट्रो पिलर के ठीक सामने है यह इमारतः मुंडका इलाके में मेन रोहतक रोड पर मेट्रो पिलर नंबर 544 के सामने स्थित चार मंजिला इमारत में यह हादसा हुआ। इस इमारत में सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने वाली एक कंपनी का दफ्तर और गोदाम था।
वहीं पर शाम पौने 5 बजे के करीब आग लगी। उस वक्त ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस चल रही थी, जिसके लिए बड़ी तादाद में लोग यहां इकट्ठा हुए थे।
बताया जा रहा है कि 200 से ज्यादा लोग यहां मौजूद थे, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं। इमारत में आने-जाने के लिए सीढ़ियों का एक ही रास्ता था। वहां रखे जनरेटर में आग लगने से धुआं पूरी इमारत में भर गया था। इसलिए लोग सीढ़ियों के रास्ते बाहर नहीं निकल पाए।
रस्से और क्रेन की मदद से बाहर निकाले गए लोगः पुलिस व दमकल विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम 4:40 बजे के करीब आग की कॉल मिली थी, जिसके बाद दमकल की 10 गाड़ियों को रवाना किया गया। लोकल पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
पुलिसवालों ने लोगों की मदद से क्रेन लेकर बाहर की तरफ से ऑफिस की खिड़कियों के शीशे तोड़कर रास्ता बनाया। इसके बाद रस्से बांधकर और क्रेन की मदद से एक-एक करके लोगों को बाहर निकाला गया।
धुएं के कारण और घिसटने से चोट लगने के कारण कुछ लोग जख्मी भी हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस का दावा है कि इमारत से 60-70 लोगों को बाहर निकाला गया।
अब तक 27 के मारे जाने की पुष्टिः पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से घायलों की सूची जारी की गई है। इसके मुताबिक, मुंडका में आग लगने की घटना में 12 लोग घायल हुए।
देर रात तक अपनों की खोज में भटकते रहे परिजनः अग्निकांड के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने रिश्तेदारों का पता करने के लिए भटकते रहे। कई लोगों को तो अपने रिश्तेदार घायल हालत में मिल गए, लेकिन बड़ी तादाद में ऐसे लोग भी थे, जिनके रिश्तेदारों के बारे में न पुलिस बता पा रही थी और न ही अस्पताल से उन्हें जानकारी मिल रही थी।
इन लोगों की बदहवासी का आलम यह था कि ये लोग अस्पताल और घटनास्थल के बीच इधर-उधर भटक रहे थे। उनका कहना था कि पुलिस की ओर से उन्हें यह पता ही नहीं चल पा रहा कि उनके रिश्तेदार कहां हैं।
हालत यह थी कि रात को संजय गांधी अस्पताल में जैसे ही एंबुलेंस आकर रुकती, तो लोग उस तरफ अपनों के मिलने की उम्मीद में दौड़ पड़ते। देर रात तक अस्पताल के शव गृह के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे।
इमारत का मालिक हिरासत में, पूछताछ जारीः पुलिस के मुताबिक, शुरुआती छानबीन में पता चला कि तीन मंजिला इस कमर्शल बिल्डिंग में कुछ कंपनियों के दफ्तर भी बने हुए थे। आग पहली मंजिल पर स्थित सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने वाली एक कंपनी के दफ्तर में लगी थी, जिसका गोदाम भी यहीं बना हुआ था।
इसी वजह से दूसरी-तीसरी मंजिल पर लोग फंसे रह गए थे। धीरे-धीरे आग ने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। पुलिस ने इमारत के मालिक को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।
मेट्रो पर असर नहीं पड़ा, ट्रैफिक करना पड़ा डायवर्टः मेट्रो की ग्रीन लाइन के मुंडका और मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया स्टेशनों के बीच पिलर नंबर 544 के ठीक सामने यह गोदाम बना हुआ था। इमारत की ऊंचाई मेट्रो लाइन जितनी ही थी। मेट्रो से आने-जाने वाले लोग भी बगल से धुएं और आग की लपटें उठते देख घबरा रहे थे।
हालांकि, मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो लाइन और इमारत के बीच काफी फासला था और हवा का रुख भी दूसरी तरफ था, इस वजह से मेट्रो के ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ा। कोई स्टेशन भी बंद नहीं करना पड़ा, लेकिन घटना के बाद आस-पास इतना भारी जाम लग गया कि दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में समय लग रहा था। इसे देखते हुए रोहतक रोड पर बहादुरगढ़ की तरफ जाने वाले कैरिज वे पर कुछ देर के लिए ट्रैफिक को भी डायवर्ट करना पड़ा।
राष्ट्रपति और सीएम ने जताया दुखः मुंडका अग्निकांड पर दुख जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास इमारत में आग लगने से हुए हादसे से दुखी हूं। शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अग्निकांड पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि दुखद घटना के बारे में जानकर दुखी और सदमे में हूं। मैं लगातार अफसरों के संपर्क में हूं। हमारे बहादुर अग्निशमनकर्मी आग बुझाने और जिंदगियां बचाने में लगे हुए हैं।