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भाजपा नेता राजेंद्र साहू को गद्दारी का अंजाम भुगतना पड़ा, लेवी के 70 करोड़ का किया गबन, TSPC की विज्ञप्ति के बाद बालूमाथ में दहशत

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत बालूमाथ निवासी कोयला कारोबारी सह भाजपा नेता राजेंद्र प्रसाद साहू के हत्याकांड की जड़ में पैसों को लेकर ही विवाद था। उग्रवादी संगठन टीएसपीसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका खुलासा किया है। हालांकि पुलिस को भी इसका अंदेशा था कि इस हत्याकांड में उग्रवादी संगठन की संलिप्तता है।

BJP leader Rajendra Sahu had to face the consequences of betrayal embezzlement of 70 crores of levy panic in Balumath after TSPCs release 3
कोयला कारोबारी सह भाजपा नेता राजेंद्र प्रसाद साहू

टीएसपीसी के उत्तरी-दक्षिणी जोनल कमेटी के कामरेड अभिषेक जी ने विज्ञप्ति के हवाले से कहा है कि राजेंद्र साहू का टीएसपीसी के संरक्षण में अकूत पैसे कमाना और फिर पैसे मांगने पर भी वापस नहीं करना, संगठन ने इसे गद्दारी माना और अंतत: उसे अपनी करनी का अंजाम भुगतना पड़ा। टीएसपीसी की ओर से शुक्रवार को ऐसी प्रेस विज्ञप्ति जारी होने के बाद लातेहार-बालूमाथ में दहशत का माहौल कायम है।

साहू ने हथियार खरीदने के लिए एक करोड़ लेकर वापस नहीं कियाः विज्ञप्ति में कहा गया है कि कामरेड मुरारी जी के द्वारा 2007  में राजेंद्र साहू को हथियार खरीदने के लिए 1 करोड़ पांच लाख रुपए दिये गए थे।

उस पैसे गबन करने के बावजूद वो फिर से संगठन में शामिल होकर संगठन के लिए काम करने लगे। उसने संगठन के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों से बड़े कोयला ट्रांसपोर्ट का काम संगठन द्वारा लेने लगे थे। गबन के ही पैसे से कुछ कैडरों के नाम पर सैकड़ों ट्रक,  हाइवा, लोडर लेना और फिर उसे वापस नहीं करना उनकी गद्दारी थी।

ट्रक-हाइवा और लोडर मालिकों तथा उसके अंदर मजदूरी करनेवालों का भी पैसे डकार जाना, ये रुपए करोड़ों में हैं, जो उसके ऊपर बकाया चला आ रहा था। कहा गया कि टीएसपीसी संगठन की लेवी के 70 करोड़ का राजेंद्र साहू ने गबन किया था। इसके अलावा गिरोह से मिलकर शूटरों द्वारा अमरवाडीह के जुगल गंझू की हत्या करवाने में भी वह शामिल था।

एके-47, एएसएलआर जैसे हथियारों का भी गबन कियाः विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोल ट्रांसर्पोटर बनने और टीएसपीसी संगठन से राजेंद्र साहू ने सिर्फ गद्दारी ही नहीं की, बल्कि संगठन के कुछ अत्याधुनिक हथियार जैसे एके-47, एएसएलआर जैसे हथियारों का भी गबन कर लिया था। ये हथियार अभी तक उसके घर में मौजूद होना चाहिए।

हथियारों के वापस मांगे जाने पर उसका इंकार करना और उल्टे वो संगठन को ही चुनौती देने लगा था। इसलिए संगठन ने बाध्य होकर राजेंद्र साहू के खिलाफ फौजी कार्रवाई की गई। संगठन ने कहा है कि राजेंद्र साहू की तरह अभी भी दर्जनों लोग करोड़ों रुपए टीएसपीसी संगठन का पैसा दबाए हुए बैठे हैं।

संतोष उरांव के खिलाफ भी फौजी कार्रवाई का ऐलानः संगठन ने ऐसे लोगों को चेतावनी दी है कि वो सभी पैसे वापस कर दें, वरना उनके साथ भी राजेंद्र साहू जैसा ही अंजाम होगा। उत्तरी दक्षिणी जोनल कमेटी के कामरेड अभिषेक जी ने कहा है कि राजेंद्र साहू के कुछ लोग पब्लिक की आड़ में गलत काम कर रहे हैं।

बालूमाथ के संतोष उरांव अपनी निजी दुश्मनी को लेकर पब्लिक की आड़ जो नंगा नाच कर रहा है और घर-गाड़ी व निजी संपत्ति या उसके घरवालों को जो क्षति पहुंचा रहा है। उनमें से कुछ लोगों को संगठन द्वारा चिन्हित किया गया है। उनलागों के ऊपर संगठन द्वारा फौजी कार्रवाई की जाएगी।

साहू लंबे समय से उग्रवादी संगठनों के निशाने पर थेः बता दें कि 12 अगस्त को राजेंद्र साहू गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी मृत्यु की खबर फैलते ही बालूमाथ में जन आक्रोश फूट पड़ा था। इसके बाद सैकड़ों लोग लाठी-डंडे के साथ सड़कों पर उतर आये। एक संदिग्ध आरोपी के घर के बाहर खड़ी स्कोर्पियो गाड़ी जला दी गई थी।

हाइवा ऑनर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रहते हुए राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव भी लड़ चुके थे। कहा गया था कि राजेंद्र साहू गैंगस्टर अमन साहू के अलावा अन्य उग्रवादी संगठनों के भी निशाने पर थे। वर्ष 2012 में भाकपा माओवादी के उग्रवादियों ने बारुदी सुरंग लगाकर उनका घर उड़ा दिया था। ऐसे में तीन मंजिला मकान से कूदकर उन्होंने अपनी जान बचायी थी।

बालूमाथ प्रखंड मुख्यालय के रहनेवाले राजेंद्र साहू को रंगदारी की मांग को लेकर पूर्व में भी धमकी दी गयी थी। एक बार उनपर जानलेवा हमला किया गया था पर अपनी चालाकी से वे बच निकले थे। इसके अलावा राजेंद्र साहू पर साल 2021 में भी गोलीबारी हुई थी।

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