पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज )। पूरी दुनिया में बहुत ही पुरानी प्रचलित लोकोक्ति है- “रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था।” वैश्विक महामारी कोरोना के परिप्रेक्ष्य में हमारे देश-प्रदेश की सरकार पर आज यह बिलकुल फिट बैठती प्रतीत हो रही है।
पूरी दुनिया कोरोना के कहर से मुक्ति के लिए जुझारू संघर्ष कर रही है और वैक्सीन बनाने में लगी है। और हमारे देश के हुक्मरान लोगों से ताली बजवा रहे हैं, थाली पिटवा रहे हैं तथा दिया जलवा रहे हैं।
इतना ही नहीं, कोरोना मरीजों के लिए राष्ट्रीय अस्पताल बनवाने की बजाय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास करने में लगे हैं।
लॉक डाउन बढ़ाने के सवाल को लेकर केंद्र सरकार ने यह कह कर पल्लू झाड़ लिया है कि इस मामले में राज्य सरकारें अपने स्तर से निर्णय लें।
इतना भर कह देने से वैश्विक महामारी कोरोना से देश को जूझने के लिए छोड़ देना प्रधानमंत्री के लिए कहीं से कतई युक्तिसंगत नहीं कही जा सकती है।
भारत में आंकड़े बता रहे हैं कि अभी देश में औसतन प्रति मिनट चार लोग कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है।
अब तक तकरीबन देश में 50000 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में लॉक डाउन की खबरें देशवासियों को काल के गाल में भेजने के समान है।
बिहार भी कोरोना के कहर से बुरी तरह भयाक्रान्त है। कोरोना पॉजिटिव केस रोज बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना से मरने वालों की तादाद भी बढ़ती ही जा रही है।
इन सब के बावजूद नीतीश सरकार लॉक डाउन खत्म करने की खबरें यह चरितार्थ करने में लगी है कि “रोम जल रहा है और नीरो बांसुरी बज रहा है।”
आकड़ों की मानें तो देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार थम नहीं रही है. देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2589682 हो चुकी है। देश में अभी कोरोना के 677444 एक्टिव केस हैं,
जबकि इलाज के बाद 1862258 को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया जा चुका है। जानलेवा वायरस की चपेट में आने से अब तक 49980 कोरोना मरीज जान गंवा चुके हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 15 अगस्त को कोरोना के 7,46,608 सैंपल जांचे गए. अबतक कुल 2,93,09,703 सैंपल का टेस्ट हो चुका है।