“बीते तीन सालों से यहां सरकारी जमीन का जोरशोर से बंदरबांट चल रहा है, वहीं वर्तमान थाना प्रभारी द्वारा सरकारी जमीन बचाने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसा इसलिये कि जिले के किसी भी वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है कि वहां इतने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन का बंदरबांट चल रहा है…
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड प्रदेश के सरायकेला-खरसांवा जिले के आदित्यपुर औऱ आरआईटी थाना क्षेत्र में सरकारी भूमि पर माफियाओं की नजर है।
पिछले दिनों आदित्यपुर थाना क्षेत्र के वार्ड 18 में स्थानीय पार्षद द्वारा सरकारी जमीन कब्जाने का मामला प्रकाश में आया था, जिसपर अब तक कोई कार्रवाई प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है।
अब नया मामला आरआईटी थाना क्षेत्र के वास्तु विहार के निकट मोती नगर और साईं कॉलोनी के समीप सरकारी तालाब सहित आसपास के जमीनों की धड़ल्ले से खरीद- बिक्री का मामला प्रकाश में आया है।
यहां वर्षों से भू- माफिया द्वारा खुलेआम चार से पांच लाख रुपए प्रति कट्ठा के दर पर सरकारी जमीनों की खरीद- बिक्री कर रहे हैं। हद तो ये है कि जमीन माफियाओं ने सरकारी स्कूल के जमीन को भी नहीं बख्शा है।
पिछली सरकार में स्कूलों का एकीकरण हुआ था जिसके बाद बंद हुई सरकारी स्कूल के अस्तित्व को मिटाते हुए जमीन माफियाओं ने नव प्राथमिक विद्यालय के सारे जमीन बेच दिए हैं।
वहीं यहां धीरे-धीरे अब सरकारी तालाब सूख रहे हैं जिसे बेचने का सिलसिला जारी है। इस बारे में जब अंचलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इस पर कार्रवाई की तो बात कही है, लेकिन सरकारी जमीन मामले में अब तक यहां किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।
वैसे सीओ मनोज कुमार ने 21 लोगों को नोटिस जारी कर कागजात तलब किए हैं। सरकारी जमीन खरीद- बिक्री का सिलसिला पुराने अंचलाधिकारी के समय से ही फलफूल रहा है। उनके कार्यकाल में यहां अवैध निर्माण काफी तेजी से हुआ है।
इस सबंध में जब स्थानीय थाना और जमीन खरीदने वाले लोगों के साथ स्थानीय पार्षद से सवाल किया गया तो सभी ने इस मामले कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
सूत्रों की अगर माने तो कांग्रेस के एक बड़े नेता, एक पूर्व पार्षद, एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी, आरआईटी के वर्तमान थानेदार और पिछले सीओ के सांठगांठ से सरकारी स्कूल के जमीन और सरकारी तालाब के जमीन का बंदरबांट हुआ है।
पूर्व पार्षद ने तो बजावते क्षेत्र में एक ट्रेडिंग की दुकान खोल दी है, जहां से बिल्डिंग मैटेरियल की सप्लाई उनके द्वारा की जाती है। इसमें उनके द्वारा स्थानीय छुटभैये गुंडे-मवालियों और अपनी पार्षद पत्नी का भी सहयोग लिया जा रहा है। पूर्व पार्षद के पूर्व के आपराधिक रसूख को देखते हुए कोई कुछ कहने की हिमाकत नहीं जुटा पाते।