जरा देखिएचुनाव डेस्कदेशबिग ब्रेकिंगबिहारराजनीति

समस्तीपुर में नीतीश के दो चहेते मंत्री के पुत्र और पुत्री के बीच रोचक नजारा

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। आज कल बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू नेता नीतीश कुमार को एकतरफा दिखाई देता है। उन्हें लोजपा और हम जैसे पार्टी नेता का परिवारवाद दिखाई नहीं देता है। लोजपा में पुत्र, चाचा, भाई और बहनोई का बोलबाला है तो वहीं हम में पिता, मंत्री पुत्र और विधायक समधन का। जीतनराम मांझी या चिराग पासवान के बहनोई के चुनाव प्रचार के दौरान में नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह परिवारवाद का एक बार भी जिक्र नहीं किया।

खैर छोड़िए। बिहार में आसन्न लोकसभा चुनाव चुनाव का सबसे रोचक तस्वीर समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र से सामने आई है। इस पर भी नीतीश कुमार का दोहरा नजरिया साफ दिखता है। यहाँ उनके ही दो मंत्रियों की संतान आमने-सामने है।

कभी समस्तीपुर 1975 में पूर्व रेल मंत्री एलएन मिश्रा की हत्या और 1990 की राम रथ यात्रा के दौरान भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के लिए सुर्खियों में रहा था। वहीं एक बार फिर लोकसभा चुनाव के कारण यह जिला फिर खबरों में है। क्योंकि यहां नीतीश सरकार के दो मंत्रियों के पुत्र और पुत्री आमने-सामने हैं।

एक मंत्री की बेटी एनडीए गठबंधन की ओर से चिराग पासवान की पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं, तो दूसरी ओर एक मंत्री का बेटा इंडिया गठबंधन की ओर से चुनावी मैदान में है। मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी लोजपा (रा) के टिकट पर मैदान में हैं, वहीं मंत्री महेश्वर हजारी का बेटा सन्नी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी जंग लड़ रहा है।

जबकि मंत्री अशोक चौधरी हो या मंत्री महेश्वर हजारी, ये दोनों मंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी और चहेते माने जाते हैं। इन दोनों मंत्री के पुत्र और पुत्री के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं।

जाहिर है कि मंत्री अशोक चौधरी के करीबी नाता के कारण उनकी पुत्री के प्रचार में मुख्यमंत्री अवश्य जाएंगे। जबकि अंदरुनी तौर पर मंत्री महेश्वर हजारी के सामने बड़ी दुविधा है कि वे किसके प्रचार में जायेंगे, विरोधी खेमे से खड़े बेटा या एनडीए के उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे। हालांकि, महेश्वर हजारी ने उपरी तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट की है।

बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी हजारी के दादा के आलावे पिता महेश्वर हजारी भी इस सीट से सांसद भी रह चुके हैं। जो फिलहाल नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। खुद सन्नी स्थानीय राजनीति में लगातार सक्रिय हैं। प्रखंड प्रमुख भी रहे हैं।

वहीं, इस सीट से लोजपा के टिकट से स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान 2014 और 2019 में चुनाव जीते थे। उन्होंने सन्नी हजारी के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले पर कहा था कि यह उनका अपना फैसला है।

वहीं एनडीए से चुनाव लड़ने वाली शांभवी बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की पूर्व छात्रा 25 वर्षीया शांभवी दलितों के पासी वर्ग से आती हैं।

शांभवी की शादी पूर्व आइपीएस और महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से हुई है। दलित समुदाय से आने वाली शांभवी के पति भूमिहार समाज से आते हैं।

चाईबासा चुनावी झड़पः ग्रामीणों ने गीता कोड़ा समेत 20 भाजपा नेताओं पर दर्ज कराई FIR

आखिर इस दिव्यांग शिक्षक को प्रताड़ित करने का मतलब क्या है?

ACS केके पाठक ने अब EC पर साधा कड़ा निशाना, लिखा…

केके पाठक का तल्ख तेवर बरकरार, गवर्नर को दिखाया ठेंगा, नहीं पहुंचे राजभवन

मनोहर थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर गोड्डा सासंद को दी गिरफ्तार करने की चेतावनी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!