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    Friday, May 3, 2024
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      मन रे गा भ्रष्टाचारः परियोजना पदाधिकारी, सहायक अभियंता सहित 14 कर्मी-अफसर बर्खास्त

      दर्जनों सड़कों के निर्माण में गड़बड़ी व फर्जीवाड़े के आरोप में परियोजना पदाधिकारी फणीन्द्र गुप्ता समेत 14 जेई, बीपीओ और रोजगार सेवक नौकरी से बर्खास्त किये गये हैं…

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। मनरेगा योजनाओं में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चतरा डीसी जीतेंद्र कुमार सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है।

      TERMINETजिन्हें फर्जीवाड़े में नौकरी से बर्खास्त किया गया है उनमें फनींद्र कुमार गुप्ता- परियोजना पदाधिकारी, रंजीत कुमार- सहायक अभियंता, घनश्याम कुजूर- तत्समय प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, राजेश्वर कुमार- तत्समय प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, विनोद कुमार- गुप्ता तत्समय प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, चंद्रशेखर मेहता- तत्समय मनरेगा कनीय अभियंता, धनंजय कुमार- तत्समय मनरेगा कनीय अभियंता, शिव शंकर- तत्समय मनरेगा कनीय अभियंता, प्रियरंजन राहुल- तत्समय मनरेगा कनीय अभियंता, मोहम्मद अजहर- तत्समय रोजगार सेवक, सुनील दास- तत्समय रोजगार सेवक, मुसाफिर यादव- तत्समय रोजगार सेवक, संतन दास- तत्समय रोजगार सेवक, मनोज कुमार- यादव तत्समय रोजगार सेवक शामिल हैं।

      दरअसल, चतरा जिला में गुम हो गई मनरेगा की 40 सड़कें संबंधी खबर न्यूजविंग ने गत वर्ष अक्टूबर में प्रकाशित की थी। जिले में मनरेगा योजनाओं में किए गए भ्रष्टाचार के साक्ष्य ग्रामीण विकास विभाग एवं मनरेगा आयुक्त तक भी पहुंच थे। इसके बाद किए गए विभागीय जांच में मनरेगा योजना में कार्य करने वाले कर्मियों का मिलीभगत से योजना राशि गबन करने का प्रमाण समाने आये थे।

      विभागीय जांच के उपंरात मनरेगा योजना की राशि गबन करने के आरोप में संबंधित मुखिया, पंचायत, ग्राम रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, प्रतापपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड नाजिर एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी से 12 प्रतिशत ब्याज सहित राशि की वसूली करने का आदेश विभाग की ओर से दिया गया था, साथ ही 14 संविदा कर्मियों को सेवा मुक्त करने को कहा था।

      इस मामले में कार्रवाई न करने पर उप विकास आयुक्त चतरा डीडीसी मुरली मनोहर प्रसाद को शोकॉज किया गया था। दोषी संविदाकर्मियों को बर्खास्त न करने के मामले को दबाने पर विभाग की ओर से फटकार भी लगाई गई थी।

      इसके बाद मुख्यालय स्तर से योजनाओं में अनियमितता के मामाले में क्रियान्वयन के समय संलिप्त कर्मियों की विवरणी सत्यापन के बाद 26 मई को समर्पित किया गया था, जिस पर उपायुक्त ने कार्रवाई करते हुए दोषी कर्मियों को बर्खास्त किया गया है, जिसका विभागीय अनुमोदन प्राप्त है।

      हाल के दिनों में चतरा जिला के प्रतापपुर प्रखंड के एक मुखिया और लाभुक के बीच बातचीत का ऑडियो सामने आया था। जिसमें इस बात का जिक्र था कि प्रखंड से लेकर जिला तक योजना राशि का 30 प्रतिशत पहुंचाना होता है।

      जो भी मनरेगा योजना के सविंदा कर्मी आए प्रतापुर प्रखंड को दुधरू गाय के तरह उपयोग किया। जांच के बाद और भी कई योजना में गड़बड़ी की अंशका स्थानिय स्तर पर किया जा रहा है।

      गौरतलब है कि मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन में जहां 2018 में झारखंड को भारत सरकार से उत्कृष्ट कार्य के लिए कुल आठ पुरस्कार मिले थे। वहीं मनरेगा योजना के संचालन में देश स्तर पर चतरा जिला को प्रथम स्थान मिला था।

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