एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिला जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में नालंदा महिला कॉलेज प्रमुख शिक्षणालयों में शुमार रहा है। लेकिन फिलहाल यहां पठन-पाठन की स्थिति काफी बिगड़ गई है।
अभी इस महिला कॉलेज में आलम है कि यहां सरकारी सेवा की नौकरी जिसकी लग गई, वह आराम सिर्फ वेतन लेता है। सरकारी विद्यालों की बात तो और भी निराली है।
छात्राओं का कहना है कि यह अब बिना पढ़े-पढ़ाये सब पैस के बल होता है। यहां अगर किसी पेपर में साईन भी करना होता है तो वह भी बिना पैसे नहीं होता है।
छात्राओं ने बताया कि वे नियमित रुप से क्लास चाह कर भी नहीं कर पाते हैं। प्रायः कॉलेज के प्रोफसर द्वारा सही से कोई क्लास नहीं लेते। उनका साफ कहना होता है कि दो तीन छात्राओं का क्लास नही लूगां। जब अधिक छात्राएं आयेगी तो ही वे पढ़ायेगें। इसके लिये खुद छात्राओं को बुलाओ।
यहां कॉलेज कैम्पस में हमेशा बहरी युवक इधर-उधर घुमते रहते हैं और किसी न किसी बहाने से कॉलेज स्टाफ से गप लड़ाते रहते हैं। इससे छात्राएं सहमी रहती है।
दुःखी छात्राएं कहती हैं कि अगर छात्राएं क्यास में नहीं आती हैं तो देखना प्रशासन का काम है। उपस्थित कम छात्राओं को वे नहीं पढ़ाएगें, यह समझ से परे है। वे तो घर से पढ़ने के लिये निकलती हैं, लेकिन यहां वे टाईम पास के आलावे कुछ नहीं कर पाती।
यह भी सही है कि इस कॉलेज में काफी संख्या में छात्राएं रोजाना आती है। लेकिन उसमें प्रायः इधर-उधर घुमते-फिरते अधिक देखे जाते हैं।
छात्राएं बताती है कि कॉलेज में जब एक्जाम फार्म भरने का समय आता है तो पैसे लेकर उनका अटेन्डेस बना दिया जाता है। कॉलेज के प्रधानाचार्या भी छात्राओं के द्वारा दिये गये शिकायत आवेदन पर कार्रवाई करने के बजाये उसे कचरे में फेंक दिया जाता है। ऐसे में वे शिकायत करे भी तो किससे ?