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    Tuesday, April 30, 2024
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      घुसखोर जमादार सस्पेंड, गढ़ी थी पुलिस पर हमला

      वायरल ऑडियो के खुन्नस में जमादार ने मंगलवार को मघड़ा गांव में पुलिस पर हमला कर आरोपियों को हिरासत से छुड़ाने का आरोप भी मढ़ दिया और  सुरक्षा बलों को बुलाकर मौके से सरकारी कर्मी समेत तीन को हिरासत में ले लिया...”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। आपसी संपति विवाद में हुई मारपीट की कथित वारदात के आरोपी सरकारी कर्मी को लेकर कोर्ट में केस डायरी में मदद करने के एवज में 15 हजार रुपए घूस मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद नालंदा एसपी नीलेश कुमार ने दीपनगर थाना के एएसआई मो. जहांगीर को अंततः सस्पेंड कर दिया।

      बता दें कि घूसखोर जमादार जोकि पुलिस मेंस एसोसिएशन का जिला मंत्री भी है, उसने मारपीट के अभियुक्त मघड़ा गांव निवासी रंजीत कुमार से अनुसंधान में कुछ धारा हटाने के लिए पति से 15 हजार घूस की मांग की थी।crupt nalanda police 1 1

      कहा जाता है कि बीते मंगलवार को दीपनगर थाना में तैनात जमादार मो. जहांगीर को सूचना मिली थी कि मघड़ा गांव में दो पक्ष में मारपीट हो रही है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एक पक्ष से तीन लोगों को पकड़कर थाने ले आई।

      हिरासत में लिए गए रंजीत कुमार का उनके भाई सचित कुमार से जमीन विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था। रंजीत कुमार किशनगंज ट्रेजरी में लिपिक हैं। दोनों के बीच पहले भी मारपीट हुई थी, जिसमें रंजीत कुमार को आरोपित किया गया था।

      उसी मामले में आरोपित जमादार ने 15 हजार रुपए घूस मांगा था। नहीं देने के कारण वह खार खाए बैठा था। मंगलवार को जैसे ही उसे मौका मिला, उसने एक पक्षीय कार्रवाई कर दी और रंजीत कुमार व अन्य तीन को पकड़कर थाने ले आया।

      जब रंजीत की पत्नी ने कहा कि उसके पास उनका ऑडियो है तो खुन्नस में जमादार ने मंगलवार को मघड़ा गांव में पुलिस पर हमला कर आरोपियों को हिरासत से छुड़ाने का आरोप भी मढ़ दिया। जिसके बाद सुरक्षा बलों को बुलाकर मौके से सरकारी कर्मी समेत तीन को हिरासत में ले लिया गया।

      इस मामले का दुर्भाग्यजनक पहलु है कि जमादार जहांगीर ने एक पक्ष को फंसाने के लिए मनगढ़ंत कहानी गढ़ ली। जहांगीर की कहानी थी कि सूचना पर वह मघड़ा गांव पहुंचे। जहां सगे भाइयों के बीच संपत्ति विवाद में हंगामा हो रहा था।

      रंजीत अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मकान से सामान बाहर फेंक रहा था। अपने सहयोगी से वह वीडियोग्राफी भी करा रहा था। पुलिस ने सामान फेंकने से रोकते हुए विडियोग्राफर को हिरासत में ले लिया। तब रंजीत और उसके सहयोगियों ने हमला कर दिया।

      यह भी आरोप जड़ा कि हथियार और लाठी से लैस बदमाश मारपीट करते हुए पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। बलों की संख्या कम रहने के कारण बदमाश हिरासत से अपने सहयोगी को मुक्त कराने में सफल रहे।

      एक हवलदार को खींचकर बदमाश गांव के अंदर ले गए। जहां हथियार छीनने का प्रयास किया गया। इसके बाद सुरक्षा बलों को बुलाकर रंजीत समेत तीन को पकड़ा गया। परंतु बाद में पता चला कि यह कहानी बनाई गई थी।

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