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    Friday, May 3, 2024
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      अधेड़ महिला की कथित हत्या में कई पेंच, फंसे जदयू नेता, पुलिस हैंग

      “एक महिला के कथित पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने और उसमें एक जदयू नेता की मुख्य भूमिका को लेकर  समूचे क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। जबकि इस हत्या मामले में कई पेंच नजर आ रहे हैं। उस ओर पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया और……”

      बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। नालंदा जिले के चंडी थाना बाजार स्थित लालगंज गांव ईलाके में महिला की पीट पीट कर हत्या करने का मामला सामने आया है। मृतका लालंगज निवासी हीरा यादव की 55 वर्षीया पत्नी मंजू देवी है।

      chandi police CRIME 1इस मामले में मृतिका के पति हीरा यादव ने तीन लोग को नामजद अभियुक्त बनाया है। पुलिस ने त्वरित करवाई करते हुए दो को घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

      घटना के सबंध में हीरा यादव ने थाने मे दिया लिखित आवेदन मे लिखा है कि वह साढ़े सात बजे मिल बंद कर घर आया तो देखा कि मेरी पत्नी मंजू देवी कराह रही थी। उसके बुरी तरह से मारपीट किया हुआ था।

      मारपीट से हाथ पैर और पेट मे काफी चोट था। मौके पर ही बगलगीर के सहयोग से बिहारशरीफ के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान मौत हो गयी।

      उसने इस मामले में जदयू के वरिष्ठ नेता सुखदेव प्रसाद को मुख्य अभियुक्त और अपने दो सहोदर भाई को नामजद अभियुक्त बनाया है। इधर गिरफ्तारी के बाद विधि व्यवस्था न बिगड़े। पुलिस ने एहतियातन तौर पर मुख्य अभियुक्त सुखदेव प्रसाद को थरथरी थाना रखा गया। इधर सुखदेव प्रसाद के परिजन चंडी थाना में न देख कई थाने में दौड़ लगाते रहे।

      गांव-बाजार में दुर्घटना से हुई मौत का चर्चा गर्मः जिस मंजू देवी की हत्या करने का तीन लोग पर आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल बाजार में शाम चार या पांच बजे आटा चक्की मिल से मंजू देवी जख्मी होने का चर्चा जोरों पर है।

      नाम न छापने के शर्त पर बताया कि शाम चार या पांच बजे आटा पीसने के क्रम में चक्की के फीता के संपर्क में आने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी थी। जिसे चंडी में किसी निजी क्लिनिक में इलाज करवाया गया।उसके बाद बिहारशरीफ निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान मौत हो गई।

      क्या कहते है लोगः मंजू देवी के हत्या के बाद जदयू के बरिष्ठ नेता सुखदेव प्रसाद को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। लेकिन जिस समय महिला की हत्या हुई थी, उस समय चाय दुकान पर नेता जी अपने साथी संग गपशप में मशगूल थे।

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      भोला प्रसाद, अशोक विश्कर्मा, अर्जुन यादव, योगेंद्र यादव ने बताया कि उन लोगों की रोज छह से आठ या नौ बजे तक चाय दुकान पर गपशप होती रहती है। मृतिका के पति मारपीट का जो समय दर्शाया गया है, उस समय भी उन लोगों की सुखदेव प्रसाद के साथ बैठकर गपशप हो रही थी। करीब नौ बजे के आसपास सभी लोग अपने घर की ओर प्रस्थान किया था।

      दूरभाष पर बुलाकर जदयू नेता किया गया अरेस्टः जदयू नेता सुखदेव प्रसाद ने बताया कि वे घर पर सोए हुए थे। करीब एक बजे थानाध्यक्ष का फोन आता है कि आप कपड़ा पहनकर नीचे आइए।

      इस बात को सुनकर वे तुरंत कपड़ा पहनकर वे नीचे आये तो पुलिस ने उन्हों पकड़कर थाने ले गयी। हम रास्ते मे पूछते रहे, लेकिन हत्या के अभियुक्त बनाये जाने की कोई जानकारी नहीं दिया गया।

      25 जून को खाली करना था घरः लोगों में चर्चा है कि 2005  में हीरा यादव के पिता बुंदेला गोप के पास ट्रेक्टर का लोन बाकी था। जिसमे बुंदेला गोप को जेल की हवा खानी पड़ी थी।

      उसी समय सुखदेव प्रसाद ने ट्रेक्टर का लोन चुकता कर बुंदेला यादव को छुड़ाया था। इसके एवज में बुंदेला यादव ने लालगंज में थोड़ी सी जमीन में बना घर सुखदेव प्रसाद  के पत्नी के नाम लिख दिया।

      तभी से हीरा यादव और सुखदेव प्रसाद में उसी मकान का झगड़ा चल रहा था। हाल ही के दिनों में पंचयती हुई थी, जिसमे 25 जून को मकान खाली करना था।

      मृतका के पति किया है तीन शादीः ग्रामीणों में चर्चा है कि मृतिका के पति हीरा यादव तीन शादियां की है। पहली पत्नी की किसी कारण से मृत्यु हो गयी  थी। दूसरी पत्नी (जिसकी हत्या हुई) इन दोनों से कोई संतान नही था। जबकि तीसरी पत्नी से दो संतान है। जोकि इन दिनों राजगीर में रहती है।chandi police crime 1

      बहरहाल, इस कथित मारपीट कर हत्या के मामले की पेंच सुलझाने की दिशा में  पुलिस ने कोई हाथ-पैर मारना जरुरी नहीं समझा है और न ही कोई प्रारंभिक जांच-पड़ताल। इस पर भी लोग गंभीर चिंता प्रकट कर रहे हैं।

      लोगों का मानना है कि पुलिस जिस तरह की कार्रवाई करती नजर आई है, उससे साफ प्रतीत होता है, उसने मृतका के पति के शिकायत के आधार पर कोरम पूरा करती नजर आ रही है या फिर कहीं न कहीं एक तरफा कार्रवाई।

      सौतन को लेकर नहीं पटती थी पति के साथः घर से कुछ दूरी पर आटा-चक्की मिल चला कर अपनी जीविका चला रही निःसंतान मृतका के एक पड़ोसी ने खुद को गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि पति-पति के बीच आए दिन किसी न किसी बात पर झगड़ा होता रहता था। इससे वे लोग उबे रहते थे।

      राजगीर वाली सौतन को लेकर मृतका अपनी खार खाए रहती थी। उसका पति तीसरी पत्नी को साथ रखना चाहता था, जबकि वह मृतका को तनिक भी न सुहाती थी। मकान खाली करने की पंचयती के बाद दोनों के बीच तकरार काफी बढ़ गया था।

      कहीं अन्यत्र से लाकर फेंका गया शवः खुद को गोपनीय रखने की शर्त पर उक्त पड़ोसी ने यह भी बताया कि हीरा प्रसाद की दुसरी पत्नी की हत्या हुई है या हादसा। लेकिन इतना तो तय है कि उसकी हत्या घर पर चढ़कर किसी ने नहीं की है। शव को कहीं और से लाकर फेंका गया था, जो काफी क्षत-विच्छत हालत में थी।

      उक्त पड़ोसी के अनुसार रात करीब 9-10 बजे दरवाजे पर मार डाला शोर हुआ। शोर सुनकर जब वह बाहर निकला को देखा कि बाहर मृतका का क्षत-विच्छत शव पड़ा है। उसके बाद पुलिस आई और शव को अपने कब्जे पर कर उसे थाना ले गई। फिर वहां से पोस्टमार्टम के लिए शव सदर अस्पताल बिहार शरीफ भेजी गई।

      कहीं एक तीर से कहीं निशाने तो नहीं: आम चर्चाओं के अनुसार मृतका का पति काफी शातिर प्रवृति का है। उसने 3 शादियां रचाई है। तीसरी बीबी से 2 संताने हैं। उसे वह रखना चाहता था। मृतका उसका विरोध करती थी। इधर पंचयती के अनुसार उसे 25 तक जदयू नेता के नाम हो चुकी मकान खाली करना था।

      गोपनीय सूत्रों के अनुसार ऐसे में दुर्भाग्य कहें या दुष्टों का सौभाग्य कि उसकी दूसरी पत्नी आटा चक्की मिल के फीते की चपेट में आ गई और फिर उसकी मौत को हत्या का रुप दे दिया गया।

      ऐसा करने से दूसरी पत्नी सध गए, मकान से बेदखल करने वाले जदयू नेता भी सध गए और तीसरी पत्नी व संतान को साथ रखने की आकांक्षा के द्वार भी खुल गए।

      पुलिस की कार्यशैली भी ठीक वैसी ही समर्थन कर गई। जबकि आटा चक्की मिल के फीते टूटे पाए गए एवं वह स्थान इस कदर अस्त व्यस्त था कि देखने से साफ प्रतीत हो रहा था कि यहां जरुर कुछ हुआ है। आसपास के लोग भी दबी जुवान यही बताते नजर आए।

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