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    Friday, April 26, 2024
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      आतंकी से ‘गुरूजी’ बना तौसीफ 56 मौतों का रहा है गुनहगार

      एक्सपर्ट न्यूज डेस्क (जयप्रकाश)। कहते हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं गुनहगार देश के किसी भी कोने में छिपा हो, वह कानून से नही बच सकता है ।किसी न किसी दिन वह कानून की गिरफ्त में आ ही जाता है ।

      कुछ ऐसा ही हुआ गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी मो. तौसीफ के साथ। पिछले नौ सालों से गुजरात पुलिस तथा एटीएस की आंखों में धूल झोंक कर गया और बोधगया में अपना ठिकाना बनाकर रह रहे तौसीफ ने सपने में भी नही सोचा होगा कि एक दिन वह अपने किए गुनाहों की वजह से पुलिस की गिरफ्त में आ जाएगा ।

      26 जूलाई 2008 में गुजरात में हुए बम ब्लास्ट में लगभग 56 लोगों की मौत हुई थी।जबकि दो सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।इस बम ब्लास्ट में हिजबुल आतंकी संगठन के हाथ होने की बात सामने आई थी। इस बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी मो0 तौसीफ का नाम सामने आया । तब से गुजरात एटीएस उसकी गिरफ्तारी के लिए हाथ पांव मार रही थी।

      इधर गुजरात निवासी मो. तौसीफ वहाँ से फरार होकर 2009 में गया जिले के डोभी आया। जहाँ वह अपना नाम पता बदलकर करमौनी और बोधगया के सहदेव खाप में अपना ठिकाना बना रखा था ।

      मौ. तौसीफ करमौनी के एक निजी स्कूल मुमताज हाईस्कूल में मो. अतीक बनकर बच्चों को गणित और अंग्रेजी पढ़ा रहा था ।लगभग डेढ़ साल तक बच्चों को पढ़ाने के बाद वह एक दिन किसी को कुछ बताए बिना अचानक गायब हो गया । हालाँकि गाँव वाले उससे उसके बारे में कभी कभार कुछ पूछ लिया करते थे । लेकिन उसने कभी अपने बारे में कुछ बताया नही।

      गाँव से गायब होने के ढाई साल बाद फिर से वह गांव पहुँचा लेकिन इस बार बच्चों को पढ़ाने नहीं बल्कि वह किसी का मेहमान बनकर आया था ।

      उसके बारे में कहा जाता है कि जब वह पहली बार गाँव आया था।तब वह गांव में किसी से मिलता जुलता बहुत कम था ।लेकिन वह गांव के लाचार गरीब लड़कियों की आर्थिक मदद जरूर कर देता था ।इसी आर्थिक मदद का प्रलोभन देकर उसने कई लड़कियों को अपने संगठन में शामिल कर लिया था ।

      जब वह 2012 में गाँव लौटकर आया तब उसका ज्यादातर समय एक चाय दुकान के साथ एक मार्केट में स्थित एक दुकान में गुजरता था ।कभी कभार वह मुमताज हाईस्कूल भी चला जाता था थोड़ी देर के लिए बच्चों को पढ़ाने ।

      13 सितम्बर को गया के राजेंद्र आश्रम से जब उसकी गिरफ्तारी हुई तब पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आयी ।उसकी गिरफ्तारी की सूचना पर गया पहुँची गुजरात एटीएस ने घंटों पूछताछ की ।

      कोर्ट में उसने कहा कि वह निर्दोष है, उसे फंसाने की कोशिश की जा रही है । लेकिन पूछताछ और छानबीन में जो सामग्री मिली है उससे एटीएस और पुलिस टीम ने भी स्वीकार किया है कि मो. तौसीफ उर्फ मो. अतीक का आतंकवादी घटनाओं में काफी लंबा हाथ है। उसने अपने संगठन का विस्तार कई राज्यों में कर रखा था।

      आतंकी मो. तौसीक उर्फ अतीक के पास से कई जिहादी किताबें भी बरामद हुई हैं ।जो उसने स्वयं लिखी है। पुलिस ने अपने मुस्लिम साथियों से उस किताब को पढ़ने के लिए दी है तथा उस किताब में लिखी बातों को समझने का प्रयास कर रही है ।

      मो. तौसीफ के बारे में कहा जाता है कि वह एक पढ़ा लिखा इंसान है।खासकर वह साइबर एक्सपर्ट भी माना जाता था ।वह गया के कई अलग -अलग स्थानों से साइबर कैफे में जाकर अपने संगठन से जुड़े लोगों को मेल करता था। इसी मेल की वजह से वह पुलिस गिरफ्त में आया।

      गिरफ्तार आतंकी मो. तौसीफ उर्फ अतीक गया और बोधगया से अपना आतंकी नेटवर्क चला रहा था ।यहाँ से वह बंगाल,उड़ीसा, यूपी,गुजरात और दिल्ली में सिमी माॅड्यूल के लिए काम कर रहा था ।

      उसके बारे में यह भी जानकारी आई कि उसका नेटवर्क कश्मीर भी था ।आर्थिक मदद के नाम पर वह लोगों को कश्मीर भेजकर पत्थरबाजों के गिरोह के लिए काम कराता था ।

      7जूलाई 2013 को बोधगया बम ब्लास्ट में शक की सूई भी उसकी ओर जा रही है । इस बाबत एनआइए भी पूछताछ कर रही है  मो. तौसीफ की गिरफ्तारी के बाद विश्व धरोहर बोधगया की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बोधगया स्थित बोधीमंदिर के बाहर और अंदर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वाच टावर के सहारे बोधगया की सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है।

      7जूलाई 2013 को भगवान बुद्ध की 80 फीट मूर्ति के पीछे भी बम रखा गया था । फिर से गया जिला प्रशासन ने 80 फीट मूर्ति की भी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर रखी है ।

      फिलहाल नौ साल से फरार आतंकी मो. तौसीफ की गिरफ्तारी के बाद जारी पूछताछ से कई और आतंकी घटनाओं की तस्वीर साफ हो सकती है । साथ ही गया और बोधगया में उसकी क्या गतिविधियाँ थी इसका भी खुलासा हो सकता है ।

      बताते चलें कि अभी गया में पितृ पक्ष मेला अपने परवान पर है। यहाँ देशी पिंदानियों के साथ -साथ रूस,जर्मनी, थाईलैंड तथा बर्मा से विदेशी भी पिंडदान के लिए पहुँचे हुए हैं ।ऐसे में मो. तौसीफ की गिरफ्तारी गया पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी कामयाबी मानी जाएगी।

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