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    Friday, April 26, 2024
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      हाई कोर्ट के आदेश के बाबजूद राजगीर गौरक्षणी से अतिक्रमण नहीं हटा सका नालंदा प्रशासन

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। जहां एक ओर राजगीर गौरक्षणी भूमि के एक बड़े हिस्से को अतिक्रमणकारियों ने अपनी चपेट में लेकर कर लाखों की अवैध कमाई कर रहे हैं, वहीं पटना हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाबजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न होना जिला प्रशासन को सीधे कटघरे में खड़ा देती है।

      rajgir land crime 2बिहार गोशाला अधिनियम 1950 के तहत निबंधित गोशालाओं की परिसंपतियों से अवैध दखल हटाने को लेकर पटना हाई कोर्ट द्वारा विचाराधीन अवमाननावाद संख्या एमजेसी 590/2014 (विकास चन्द्र गुड्डु बाबा वनाम राज्य सरकार) को लेकर पारित आदेश के अनुपालन के आलोक में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव ने 30 मार्च,2015 को राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश निर्गत किये थे।

      उक्त निर्देश में यह साफ तौर पर लिखा था कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार गोशालाओं की भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाये तथा जिस मामले में स्थगन आदेश है, उसे अधिकतम एक माह के भीतर स्थगन आदेश को समाप्त कराने की कार्रवाई की जाय तथा विधि सम्मत रुप से अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित की जाय।

      सचिव ने आगे सीधे तौर पर अधिनस्थ अनुमंडल पदाधिकारी सह गोशाला अध्यक्ष को निदेशित करते हुये लिखा था कि एक सप्ताह के भीतर समुचित कार्रवाई करते हुये अतिक्रमित भूमि को मुक्त करने के साथ ही गोशाला की वास्तविक भूमि का ब्योरा भी अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराई जाये।

      लेकिन, पटना हाई कोर्ट के आदेश और विभागीय सचिव के स्पष्ट निर्देश के ढाई साल बाद भी राजगीर श्री गौरक्षणी गौशाला भूमि से अतिक्रमण हटाने में नालंदा जिला प्रशासन विफल रहा है।

      पटना हाई कोर्ट को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा सौंपी रिपोर्ट के अनुसार श्री गौरक्षणी गौशाला की कुल भूमि का रकबा 2 बीघा 05 कठ्ठा यानि 2.73 एकड़ है। लेकिन यहां ताजा आलम यह है कि उसके अधिकांश भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है और वे उसका अवैध ढंग से निजि तौर पर व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं।

      यहां के श्री गौरक्षणी गौशाला के अतिक्रमणकारियों में मुख्यतः पांच लोगों के नाम उभर कर सामने आये हैं। चन्द्रभुषण प्रसाद नामक एक अतिक्रमणकारी ने ‘आज का खाना’ नामक  सिर्फ होटल ही नहीं बना रखा है, बल्कि 20-25 फुटपाथी दुकानदारों को टीन का छप्पर बना कर किराए पर लगाये हुये है। इसके आलावे उसने 8 कमरों का पक्का मकान बना रखा है, उसमे भी कई किरायेदार रहते हैं।

      श्री गौरक्षणी गौशाला की भूमि पर ही ज्ञान विकास पंडित और गृह रक्षक पद पर तैनात अनील कुमार ने भी अपना खपरैलनुमा मकान बना रखा है।

      इसी प्रकार शिवनंदन प्रसाद नामक व्यक्ति ने श्री गौरक्षणी गौशाला भूमि की काफी जमीन को पक्की घेराबंदी कर वर्षों से अपने कब्जे में किये हुये है।

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