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    Friday, April 26, 2024
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      हर तरफ ओडीएफ के नाम पर हो रहा सिर्फ लूट-खसोंट

      यह तस्वीर है बिहार के  सीएम अर्थात  ‘विकास पुरुष’ नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के सिलाव प्रखंड के बड़ाकर पंचायत के छोटी वेलॉर गांव की और यह सारा माजरा तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अलख निरंजन के समय की है।“

      बिहारशरीफ (राजीव रंजन)। इस सुसज्जित तस्वीर को देखकर बिहार में दूसरी जगह से आए हुए पर्यटक आश्चर्य में पड़ सकते हैं की सड़क के किनारे इस तरह ओडीएफ के शौचालय की टंकी बनाई गई है या फिर राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत पौधा लगाकर पौधों की सुरक्षा की घेराबंदी हुई है और वह भी शौचालय के बगल में।naland odf cruption2

      आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के गृह जिले के किसी भी प्रखंड के गांव में प्रवेश करने के पहले ऐसे शौचालय की छोटे-छोटे कमरे की तस्वीर जिसमें जलावन, कट्टु, भूसा, ईटा, बालू, रखा मिल जाता है। उसे देखकर लोग समझ जाते हैं कि यह स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव समाज को खुले में शौच मुक्त करने का भ्रष्टाचार युक्त खेल है।

      इस गांव के लाभुक बताते हैं कि इस तरह के शौचालय का निर्माण उनके द्वारा नहीं कराया गया है बल्कि सरकारी बिचौलियों ने निर्माण कराकर सरकारी राशि हड़प गया। यहां तक की लाभुक के परिजनों से शौचालय निर्माण में मजदूरी देने की बात कह कर काम कराया गया और मजदूरी भी बिचौलिए लेकर चंपत हो गए।naland odf cruption1

      आखिर स्वच्छ भारत मिशन के तहत कहीं दूसरे जिला के जिलाधिकारी खुले में शौच करने के लिए लोगों पर एफआईआऱ करते हैं। यहां तक कि जेल भी भेजा जाता है। जो व्यक्ति खुले में शौच करने के नाम पर न्यायिक हिरासत में चले जाते होंगे और जब न्यायिक हिरासत से मुक्त होकर समाज के बीच आते होंगे तो क्या समाज में कुछ कहने के लायक रहते होंगे?

      इधर पदाधिकारी अपनी ढोल बजाने में रहते हैं स्वच्छ भारत और सुंदर भारत बनाना है तो आप ही के भ्रष्ट तंत्र ने इस तरह के शौचालय का निर्माण कराया है जिसमें शौचालय जाने लायक नहीं।

      तो फिर क्यों न जिलाधिकारी महोदय, ऐसे भ्रष्ट शौचालय निर्माणकर्ताओं पर एफआईआर कर उन्हें सलाखों के पीछे डालते की हिम्मत जुटा पाते। जिसमें भ्रष्ट प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत बिचौलिया शामिल रहते हैं?

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