“एक साज़िश के तहत जिन ग्राहकों के खाते को लूटना होता है, उसका मोबाइल नबंर फ्रीज कर दिया जाता है, ताकि बैंक उनसे चेक काटने का भेरीफिकेशन नहीं कर सके………..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा जिले के राजगीर में बैंककर्मियों की सूझबूझ से गिरफ्तार हुआ जालसाज का नेटवर्क नेशनल साइबर क्राइम से जुड़ा मामला हो सकता है। फिलहाल पुलिस कस्टडी में पश्चिम बंगाल निवासी अमित कुमार यादव निवासी से पूछताछ जारी है।
एक्सपर्ट मीडिया सूत्रों के अनुसार यह आरोपी अपने सहयोगियों के साथ राजगीर बस स्टैंड के देवदूत होटल में ठहरा हुआ था, जहाँ सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य सहयोगियों की तलाश में पुलिस लगी हुई है।
एचडीएफसी बैंक से चेक द्वारा निकासी के लिये सागर इलेक्ट्रॉनिक के 2 लाख 15 हज़ार और सेंट्रल बैंक के मुन्ना इलेक्ट्रॉनिक के खाते से डेढ़ लाख की निकासी के लिए जब आरोपी पहुँचा तो दोनों बैंक के कर्मियों द्वारा दोनों चेक धारकों को जब पुष्टि के लिए फोन किया गया तो दोनों का नम्बर स्विच ऑफ बता रहा था।
जाहिर है कि इस धंधे में संलिप्त लोगो की पहुँच मोबाइल कंपनियों के साइबर तक भी तभी तो दोनों बैंक ग्राहकों के नम्बर स्विच ऑफ बता रहा था।
फर्म मुन्ना इलेक्ट्रॉनिक के मालिक मुन्ना कुमार ने बताया कि उनके मोबाइल का पैक एक साल के लिए रिचार्ज है, लेकिन कल आउटगोइंग और इनकमिंग दोनों बंद था। जिस कारण बात नहीं हो पा रहा था।
मोबाइल कंपनियों के सूत्र बताते हैं कि बिहार जोन का मोबाइल नेटवर्क कोलकाता से कंट्रोल होता है। एक साज़िश के तहत जिन ग्राहकों के खाते को लूटना होता है, उसका मोबाइल नबंर फ्रीज कर दिया जाता है, ताकि बैंक उनसे चेक काटने का भेरीफिकेशन नहीं कर सके।
वहीं व्यवसायी मुन्ना कुमार ने बताया कि टाटा कैपिटल के माध्यम से बैंक से बिजनेस लोन और सीसी करने वाले जो लोग उनके पास आये थे। वह गिरफ्तार आरोपी नहीं था बल्कि कोई अन्य था। जाहिर है कि फ्रॉडगिरी के इस धंधे में लम्बा नेटवर्क हो जिसके तार विभिन्न राज्यों से जुड़े हो सकते है।
वही गिरफ्तार आरोपी के पास से एक डायरी भी पुलिस ने बरामद की है, जिससे कुछ और राज भविष्य में खुल सकते है, यदि पुलिस इस मामले के प्रति गंभीरता से पड़ताल करे।