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    Saturday, April 27, 2024
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      यहां फिर होंगे 5 चरणों के उबाउ चुनाव, विपक्ष ने उठाई उंगली

      यहां  कुल  81 विधानसभा सीटों के लिए कुल पांच चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण के लिए मतदान 30 नवंबर को होगा। जबकि अंतिम चरण के लिए 20 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। सभी विस सीटों के लिए एक साथ मतगणना 23 दिसंबर को होगी………”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने नई दिल्ली में झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया।

      चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इस चुनाव में राज्य के 2,27,67,964 मतदाता नेताओं का भविष्य तय करेंगे। इनमें 1.18 करोड़ पुरुष तथा 1.09 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। 248 थर्ड जेंडर भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगेjharkhand election1

      चुनाव की तिथि घोषित होते ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू: विधानसभा चुनाव-2019 के लिए तिथि घोषित होने के साथ ही पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

      सरकार ने यह आदेश जारी कर दिया है कि सभी पदाधिकारी आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करें। प्रचार-प्रसार की जितनी सामग्री प्रचारित की गई है, तस्वीर युक्त सरकारी कैलेंडर, सरकारी वेबसाइट और वैसे सभी डिस्प्ले, जिन पर मुख्यमंत्री की तस्वीर है, उन सबको तत्काल हटा लें।

      विधानसभा चुनाव-2019 को ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारी पूरी गंभीरता से आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करें।

      • झारखंड विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी 2020 को समाप्त हो रहा है।
      • राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से 28 अनुसूचित जनजाति और 9 अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं।
      • आयोग के अनुसार, राज्य के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इनमें से 13 जिले अति संवेदनशील हैं।
      • 67 नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र हैं।

      आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्रों में इलेक्ट्रानिक मशीन (ईवीएम) के साथ वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) के उपयोग का निर्णय लिया है। वीवीपैट के उपयोग से कोई मतदाता जान सकेगा कि जिसे उसने वोट दिया वास्तव में उसे पड़ा या नहीं।

      पहला चरणः चतरा (एससी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), लोहरदगा (एसटी), मनिका (एसटी), लातेहार (एसटी), पांकी, डालटनगंज, विश्रमपुर, छतरपुर (एससी), हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर।

      दूसरा चरणः बहरागोड़ा, घाटशिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी), जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबिरा (एसटी)।

      तीसरा चरणः कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया (एससी), धनवार, गोमिया, बेरमो, ईचागढ़, सिल्ली, खिजरी (एसटी), रांची, हटिया, कांके (एससी)।

      चौथा चरणः  मधुपुर, देवघर (एससी), बगोदर, जमुआ (एससी), गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, बोकारो, चंदनक्यारी (एससी), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा।

      पांचवां चरणः  राजमहल, बोरियो (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), बरहेट (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी), शिकारीपाड़ा (एसटी), जामताड़ा, दुमका (एसटी), नाला, जामा (एसटी), जरमुंडी, सारठ, पोड़ैयाहाट, गोड्डा, महगामा।

      विस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए आयोग की ओर से कई उपाय किए जा रहे हैं। इस बार वोटरों को बूथ पर लाइन में लगने से बचाने के लिए टोकन की व्यवस्था कर रहा है।

      दरअसल, मतदान केंद्र पर भीड़ होने पर मतदाता टोकन ले सकता है। इसके बाद वह लाइन में लगने की बजाय कुर्सी पर बैठक कर अपनी पारी का इंतजार करेगा।

      उधर,  झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा का सत्तापक्ष व विपक्ष ने स्वागत किया है। भाजपा ने पांच चरणों में चुनाव कराए जाने को बेहतर बताया है। उधर, विपक्ष पांच चरणों में चुनाव से असंतुष्ट है। झामुमो, कांग्रेस व झाविमो ने इसका विरोध किया है।

      भाजपा के अनुसार राज्य में सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आयोग ने उचित निर्णय लिया है। 2014 के चुनाव भी पांच चरणों में ही संपन्न हुए थे। भाजपा ने जन भावनाओं के अनुरूप चुनाव आयोग से पांच चरणों में चुनाव की मांग रखी थी। hemant soren

      झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का कहना है कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। रघुवर दास के डर और हताशा आज चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही साफ हो गया है। झामुमो हमेशा से एक चरण में चुनाव चाहता था। इससे जनता के पैसे और समय बचते। विकास कार्यों में भी कम अवरोध होता।

      हेमंत ने कहा कि आज तारीखों की घोषणा से तय हो गया कि भाजपा झारखंड के चुनावों में कितनी डरी हुई है। 90 सीटों वाली हरियाणा और 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में जब एक चरण में चुनाव हो सकता है, तो फिर यहां पांच चरण में क्यों?

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