“झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय किसी भी मामले को लेकर अपनी दो टूकता को लेकर शुमार रहे हैं। वे खुद की सरकार की कड़ी आलोचना करने से भी नहीं हिचकते। ऐसे में मॉब लिंचिंग को लेकर उनके बयान काफी मायने रखते हैं……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (वीरेन्द्र मंडल)। झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने साफ तौर पर कहा है कि सरायकेला की घटना मॉब लिंचिंग नहीं है। अगर चोरी की घटनाओं को लेकर ऐसे रिएक्शन हो रहे तो उसकी भी जांच होनी चाहिए कि चोरी की गाड़ियां कहां जा रही है। कई बार खबर आती है चोरी की गाड़ियां उग्रवादियों को दे दी गई है।
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और आप पार्टी के ओखला दिल्ली के विधायक अमानतुल्लाह खान के बयान को लेकर झारखंड के खाद आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि कोई दिल्ली से आया और क्या कह कर चला गया, उसकी प्रतिक्रिया देना सही नहीं लगता है।
सरयू राय ने कहा कि लोग आग में हाथ सेंकने का काम करते हैं। सरायकेला-खरसावां के धतकीडीह के ग्रामीण डरे हुए हैं। उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। उनकी रक्षा सरकार करेगी।
श्री राय का कहना है कि इस मामले को जितना तूल दिया जा रहा है, वास्तव में यह मॉब लिंचिंग है ही नहीं। 2 बजे रात में अगर कोई चोरी करने के लिए से जाएगा तो लोग उसे गुलदस्ता देके स्वागत तो नहीं करेंगे। हमारे घर में चोरी कर लीजिए।
उन्होंने सबाल उठाया कि आखिर क्यों गए वह तीन लोग गांव वालों ने कानून हाथ में लिया इसके लिए वह दोषी हैं 4 दिन बाद तबरेज की मौत होती है, यह मॉब लिंचिंग का मामला कहां होता है।
मंत्री सरयू राय ने एक बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ साल पहले जमशेदपुर के जुगसलाई के सगे दो भाई और एक उनके दोस्त की मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई थी, जो चेहरे दिल्ली और देहरादून से आ रहे हैं, उस समय के लोग कोई दिखाई नहीं दिए।