रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। लोकसभा उपाध्यक्ष रहे खूंटी से भाजपा के वरिष्ठ सांसद करिया मुंडा के आवास से अगवा तीनों सुरक्षाकर्मियों को रिहा करा लिया गया है। तीनों पुलिस कर्मी सकुशल हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए गुरुवार को भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया था।
कहा जाता है कि 72 घंटे बाद पत्थलगड़ी समर्थकों ने पुलिस के बढ़ते दबाब में उन्हें रिहा किया है। इससे पहले सैकड़ों जवान घाघरा और उदगुरु गांव में अगवा किये गए जवानों का तलाश करते रहे।
इसी बीच अगवा तीनों जवानों को पत्थलगड़ी समर्थकों ने शुक्रवार की भोर के तीन बजे किताहातु-उलिहामु रोड पर रूगड़ी गांव के पास छोड़ा दिया, जहां से तीन किमी पैदल चलकर तीनों जवान सोयको थाना पहुंचे।
इस बीच बुधवार को पुलिस कार्रवाई के दौरान भगदड़ में मरे ग्रामीण की पहचान हो गई है। मृतक खूंटी प्रखंड के चामड़ी गांव के सुखराम मुंडा का पुत्र बिरसा मुंडा बताया जाता है। उसके छोटे भाई शनिका ने फोटो देखकर उसकी शिनाख्त की है।
झारखंड के खूंटी जिले में सांसद कड़िया मुंडा के आवास से तीन अंगरक्षकों को मंगलवार को पत्थलगढ़ी सर्मथकों द्वारा अगवा किया गया था।
खूंटी में मचा यह बवाल दरअसल कूचांग गांव में पांच आदिवासी युवतियों के साथ हुए बलात्कार की घटना के बाद शुरू हुआ है। हालांकि इसकी पृष्टभूमि काफी पहले से बननी शुरू हो गयी थी।
आरोप है कि बलात्कार की घटना के पीछे पत्थलगड़ी समर्थक हैं। इसी बीच घाघरा इलाके के कुछ गावों में पत्थलगड़ी की घोषणा ने आग में घी डालने का काम किया।
भीड़ को हटाने के लिए किये गए लाठीचार्ज के बाद स्तिथि बिगड़ गयी, और भीड़ ने बीजेपी सांसद करिया मुंडा के घर हमला बोल दिया साथ ही तीन हाउस गार्ड को अगवा कर अपने साथ ले गए। इसके बाद से ही पुरे इलाके में जबरदस्त तनाव है।