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    Saturday, April 27, 2024
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      देखिए सुशासन बाबू के गृह जिले में बेखौफ पुलिस की काली करतूत

      वाकई सुशासन बाबू यानि सीएम नीतीश कुमार की पुलिस उनके गृह जिले नालंदा में ही अधिक बौराई हुई है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है……”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। विगत 26 जनवरी को सिलाव बाजार में देखने को मिली। एक तरफ जहां समूचा देश-प्रदेश गणतंत्र दिवस का 71वां उल्लास मना रहा था, उधर सिलाव थाना का कुंदन कुमार नाम का एक दारोगा अन्य पुलिस कर्मियों के साथ ‘गोहार’ की भूमिका में था।

      इस ‘गोहार’ ने मो. निसार नामक एक अल्पसंख्यक युवक की पिटाई कर रहा था। उसकी रोजी-रोटी को तहस-नहस कर दुकान खाली करवा रहा था।silao police crime1

      बताया जाता है कि सिलाव के कड़ाह गांव के वार्ड संख्या-11 निवासी मो. शकील का पुत्र मो. निसार सिलाव बाईपास पर रुई का दुकान चला रहा था। लेकिन अचानक सिलाव थाना का दारोगा कुंदन कुमार सदलबल पहुंचा और उसके साथ मारपीट करने लगा। यही नहीं, उक्त दारोगा की अगुआई में दुकान का ताला तोड़ कर सारे सामान तितर बितर कर दिया। 

      इसके पिछे की कहानी साफ है और ऐसी पुलिसिया हरकत पर कड़े सवाल उठाते हैं। क्या समाज और व्यवस्था में पुलिस का काम महज ‘गोहार’ की रह गई है। ऐसे तो गंभीर से गंभीर अपराधों पर भी उसकी कान की ठेंठी निकाले नहीं निकलती?

      कहा जाता है कि सिलाव  मौजा के थाना संख्या- 420, तौजी- 13003, खाता संख्या- 112, प्लांट संख्या- 1653, कुल रकवा- 17 डी. में से 10 डी. जमीन पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा वर्ष 1955-56 में अधिग्रहित किया गया। शेष भूमि में मात्र 4 डी. हिस्सा जयंती देवी को बेचा गया और बाकी पैत्रिक हिस्से पर मो. निसार  दुकान खोल छोटा-मोटा कारोबार करने लगा। अचानक सिलाव पुलिस ने विगत 26 जनवरी को वहां जबरिया कार्रवाई को अंजाम दिया।

      पीड़ित मो. निसार का कहना है कि सिलाव थाना का दारोगा कुंदन कुमार ने यह सब सिलाव के वार्ड संख्या-6 के निवासी स्व० रूपलाल साव के पुत्र प्रदीप साव एवं मनोज साव के ‘प्रभाव’ में आकर की है।

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