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    Saturday, April 27, 2024
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      चंडी हाई स्कूल की हेड मैडम  का कारनामाः मैट्रिक पास दो छात्रों का भविष्य यूं अधर में लटकाया

      आखिर एक होनहार छात्र का भविष्य बर्बाद करने के पीछे किसका हाथ है। उस स्कूल शिक्षक रमेश कुमार तिवारी का, जिसके बारे में कहा जाता है कि पहले बस संवाहक था, बाद में नीतीश कुमार के शासन में “डिग्री दिखाओं शिक्षक बनों” योजना के तहत शिक्षक बन गए या फिर स्कूल की जिम्मेदार हेड मैडम, जिनके परीक्षा फार्म पर हस्ताक्षर होता है और उन्हें भी पता नही चलता है कि एक ही छात्र का फोटो दो जगह चिपका हुआ है”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा के चंडी बापू हाईस्कूल के हेड मैडम का एक नया कारनामा देखिए। एक ही फोटो पर पिछले साल की मैट्रिक परीक्षा में दो छात्र उतीर्ण हो गए। इस करतूत का पता अभी तक बोर्ड ऑफिस को भी नही है।bapu high school chandi 2

      सवाल यह है कि चंडी हाईस्कूल की प्रधानाध्यापिका की यह करतूत से प्रथम श्रेणी से उतीर्ण एक होनहार छात्र का भविष्य अंधकार मय दिख रहा है। वही हेड मैम की काहिली देखिए, वह छात्र और उसके परिजन को डेढ़ साल अंधकार में रखने के बाद अब कहती है मैं कुछ नहीं कर सकती है।

      चंडी बापू हाईस्कूल की इस हेड मैडम मीणा गुप्ता ने पीड़ित छात्र और उसके परिजन को बिल्कुल सही कहा वह कुछ नहीं कर सकती हैं, जब वह डेढ़ साल में एक अपनी एक गलती नहीं सुधार सकी तो वह डेढ़ महीने में क्या कर सकती हैं। आखिर उन्हें तीस सितम्बर को बापू हाईस्कूल से रिटारमेंट जो मिलने वाला है।

      चंडी की ह्दय स्थली बापू हाईस्कूल से पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा में एक ही फोटो पर दो रौशन कुमार नाम के छात्र ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी। लेकिन स्कूल के एक शिक्षक रमेश कुमार तिवारी तथा प्रधानाध्यापिका मीणा गुप्ता की लापरवाही की वजह से एक रौशन कुमार की फोटो दोनों रौशन कुमार के पंजीयन पत्रक से लेकर मैट्रिक के अंक पत्र तक वही फोटो रह गया।जबकि दूसरे रौशन कुमार का फोटो पता नहीं, धरती खा गई या आसमान खा गया।bapu high school chandi 1

      चंडी बापू हाईस्कूल का छात्र रौशन कुमार पिता-राजेश कुमार प्रदीप माता- बिजयंती देवी ने वर्ष 2016 में मैट्रिक परीक्षा  का पंजीयन तथा परीक्षा फार्म के लिए अपनी फोटो स्कूल के वर्ग शिक्षक रमेश कुमार तिवारी के यहां जमा की थी।

      जब परीक्षा दो दिन पूर्व  एडमिट कार्ड उसके हाथ लगा तो अपनी फोटो की जगह किसी दूसरे का फोटो देखकर वह हैरान हो गया। किसी तरह उसने परीक्षा दी।वह प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास भी कर गया। लेकिन जब अंक पत्र को देखा तो उसके होश उड़ गए। उसने इसकी शिकायत प्रधानाध्यापिका से की।

      उन्होंने उसे बोर्ड ऑफिस जाने की सलाह दी। बोर्ड ऑफिस ने स्कूल से फोटो अभिप्रमाणित कर मांगा। उसने वह भी कर दिया। बाद में बोर्ड ऑफिस ने यह कहकर उसका आवेदन लौटा दिया कि वह कोर्ट जाएं, यहां से अब कुछ नहीं होगा।

      पिछले डेढ़ साल से पीड़ित छात्र रौशन कुमार अपनी पढ़ाई छोड़ कर स्कूल और बोर्ड ऑफिस का चक्कर लगा रहा है। थक हारकर छात्र ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीणा गुप्ता  से फिर गुहार लगाई।

      छात्र द्वारा कोर्ट जाने की बात पर एचएम ने छात्र को आश्वासन दी कि वे स्वयं इस बार पहल कर बोर्ड को फोटो सुधार के लिए कागजात जमा कराएगी। लेकिन एक महीना  बाद भी उक्त छात्र का कागजात बिहार बोर्ड को नहीं भेजा गया है।

      छात्र ने पिछले दिन स्कूल जाकर छानबीन की तो उसे श्रीमती गुप्ता ने बताया कि पटना स्कूल के पास बोर्ड ऑफिस का नया कार्यालय खुला है, वहाँ जाओ काम हो जाएगा।

      जब पीड़ित छात्र की माँ बिजयंती देवी ने मोबाइल से हेड मैडम से बात की तो उनका कहना था कि वह कुछ भी सुनना नहीं चाहती है। यह कहकर उन्होंने फोन काट दिया।इधर जिस अन्य रौशन कुमार ने परीक्षा दी थीं उसके पिता का नाम परमानंद प्रसाद माता विभा देवी ग्राम मिल्कीपर धर्मपुर बताया जाता है। उसने तृतीय श्रेणी से मैट्रिक की परीक्षा पास की है।

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      पीड़ित छात्र रौशन कुमार…….

      पीड़ित छात्र ने बेबसाइट से उसका अंकपत्र निकाला लेकिन उस पर उसका फोटो नहीं मिला। जानकारों का कहना है कि बिहार बोर्ड परीक्षा परिणाम के कुछ दिन बाद बेबसाइट से उतीर्ण छात्रों की फोटो हटा देता है। इसलिए उक्त छात्र ही नहीं किसी भी छात्र  का फोटो शो नहीं करता है।

      पीड़ित छात्र रौशन कुमार ने एक्सपर्ट मीडिया को बताया, “एचएम मैम किसी तरह मुझे टाल रहे हैं उनका सेवा काल अब सिर्फ़ डेढ़ महीने ही बचा है। अब मेरे पास कोर्ट और मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। मुझे आर्थिक और मानसिक परेशानी तो झेलनी पड़ रही है। उपर से पटना में मेरी पढ़ाई बाधित हो रही है”।

      बहरहाल, हम इतना ही कहेगें कि जाते-जाते अपने रिटारमेंट से पहले किसी छात्र और उसके परिजन की आह! मत लीजिए हेड मैडम! आपके स्कूल  में हुई यह कोई गलती नहीं है, एक मेधा घोटाला माना जाएगा। 

      हेड मैडम ने एक नहीं दो छात्रों का भविष्य गर्त में ढकेल दिया है। आप जानते होंगे एक ही नाम और फोटो रहने पर बोर्ड ऑफिस किसी एक का डिग्री रद्द कर कार्रवाई भी करती है।

      अगर दोनों में से किसी एक छात्र का भविष्य बर्बाद होता है तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी। सोचिए!  जाते-जाते अपने अपने कार्यकाल को कलंकित मत कर डालिए हेड मैम ! 

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