अन्य
    Saturday, April 27, 2024
    अन्य

      गुरूजी की ‘मस्ती की पाठशाला’,शिक्षक मोबाइल में मस्त,बच्चे खेल में मस्त

      चंडी(संजीत कुमार )। शिक्षा में सुधार के लाख दावें किए जाएँ, सरकारी आंकडे की सच्चाई जो भी हो, लेकिन हकीकत ठीक उल्टा दिखता है ।नालंदा में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है । इसमें कोई शक नही है।एक तरफ फर्जी शिक्षकों का जाल फैला है तो दूसरी तरफ ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें बच्चों के भविष्य की रत्ती भर भी फिक्र नहीं ।खासकर नालंदा में शिक्षा के हालात दिनों दिन खराब होते जा रही है । अगर यही स्थिति रहेगी तो कैसे सरकार गुणवत्ता शिक्षा की बात करेंगी ।

      educaiot nadda 1नालंदा के सुदूर ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों की हालत काफी बदहाल है।जहाँ शिक्षा सबसे निचले पायदान पर पहुँच चुकी है ।आखिर शिक्षा में आई गिरावट का दोषी कौन हैं, अभिभावक शिक्षकों को दोष देते हैं तो शिक्षक सरकारी नीति को।
      नालंदा के थरथरी प्रखंड के गवसपुर गाँव में एक प्राथमिक विद्यालय है।

       जहाँ गुरूजी की ‘मस्ती की पाठशाला’ चलती है ।यहाँ गुरूजी बच्चों को पढ़ाने के वजाय मोबाइल में आंखे गडाए फेसबुक पर लाइक और कमेंट में बिजी रहते हैं ।वही बच्चे भी गुरूजी के मोबाइल में बिजी रहने का फायदा उठाकर मस्ती कर लेते हैं ।

      वही स्कूल के अन्य शिक्षक काम का बहाना बनाकर स्कूल से निकल जाते हैं ।
      नालंदा का थरथरी प्रखंड का प्राथमिक विद्यालय गवसपुर में 6 शिक्षक पदस्थापित हैं। इस स्कूल में 130 छात्रों का नामांकन हैं। जिसमें लगभग 70 छात्र उपस्थित थे ।

      इस विद्यालय के एक शिक्षक चंदन कुमार क्लास से बाहर कुर्सी निकालकर बैठे हुए अपने मोबाइल में फेसबुक पर लाइक और कमेंट में लगे दिखें ।वही एक महिला शिक्षक रेखा देवी मौजूद थी।स्कूल के प्रभारी एचएम और एक शिक्षक किसी काम से बीआरसी गए हुए थे तो दो अन्य शिक्षक सीआरसी की ओर कूच किए हुए थे ।

      स्कूल के बच्चों ने बताया कि यहाँ पढ़ाई होती कहाँ है ।शिक्षक का मन करता है तो स्कूल आते हैं, नहीं तो वो भी नहीं ।
      आखिर बच्चे ऐसे पढ़ेगे तो खाक आगे बढ़ेंगे ।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!