एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (तालिब)। नालंदा जिले के बहुचर्चित ट्रांपोर्टर मिश्री यादव की नृशंस हत्याकांड के 3 हत्यारोपी ने दीपनगर थाना के थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
समर्पण करने वालों में मुख्य अभियुक्त गिरियक प्रखंड प्रमुख शरण गोप एवं उनके शागिर्द सुजीत यादव और कुणाल यादव शामिल है।
बता दें कि राज्य स्तर के जाने माने ट्रांसपोर्टर 70 वर्षीय मिश्री यादव की बदमाशों ने गिरियक थाना क्षेत्र अवस्थित उनके घर के समीप ही लाठी डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
तब मिश्री गोप की हत्या का आरोप उनके प्रतिस्पर्धी जय मां अम्बे ट्रांसपोर्ट के मालिक व गिरियक प्रमुख रामशरण उर्फ शरण गोप, उसके बेटे व भतीजे समेत आठ लोगों पर लगा।
तब नालंदा एसपी नीलेश कुमार ने बताया था कि मिश्री गोप व शरण गोप के बीच दो दशक से अदावत चली आ रही थी। कई मसलों को लेकर चली आ रही पुरानी रंजिश के कारण ही आरोपियों ने हत्या की है।
वहीं इंस्पेक्टर शेर सिंह यादव ने बताया था कि दोनों ट्रांसपोर्ट कम्पनी की बसे बिहारशरीफ से नवादा के बीच चलती हैं। दोनों के बीच बसों की टाइमिग को लेकर अक्सर विवाद होता रहता था। पहले भी दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
घटना की रात ठीक देर शाम दोनों ट्रांसपोर्ट की बसों के चालकों के बीच नोक-झोंक हुई थी। जिसकी शिकायत दोनों ट्रांसपोर्ट के चालकों ने अपने-अपने मालिकों से की थी। जिससे जय मां अंबे के मालिक खफा थे। इसी खुन्नस में आठ की संख्या में रहे बदमाशों ने घर के समीप मिश्री गोप को घेर लिया और लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
उधर मृतक के पुत्र अजय यादव का कहना था कि उनके पिता अक्सर गांव से बाहर रहते थे। घटना की सुबह 7 बजे वह घर लौट के क्रम में जैसे ही वह घर के नजदीक पहुंचे, पहले से घात लगाए शरण गोप, उनका बेटा व भतीजा सहित आठ लोगों ने घेर लिया और लाठी-डंडे से पीट-पीटकर पिता की हत्या कर दी।
बकौल अजय यादव, शरण गोप अपराधी प्रवृति का है। वह बालू के अवैध खनन से भी जुड़ा है। उसके खिलाफ थाने में पहले से लूट, हत्या व अन्य मामले थाने में दर्ज है।