पटना(एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो)। बिहार के मुसलमान वोटरों को अपनी जागीर समझने वाले राजद-कांग्रेस को मुसलमानों ने बिहार के उप चुनाव में औकात बता दिया है।
मुस्लिम बहुल सीट किशनगंज में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल कर लिया है। यह सीट पहले कांग्रेस के कब्जे में थी, कांग्रेसी विधायक के सांसद बनने के बाद किशनगंज में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेसी उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा।ओवैसी की लगातार कोशिशें रंग लायीं है।
मुस्लिम बहुल बिहार के सीमांचल के इलाके पर असदुद्दीन ओवैसी की निगाहें काफी दिनों से लगी थीं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार अख्तरूल ईमान ने कांग्रेस और जदयू को कड़ी टक्कर थी।
हालांकि अख्तरूल ईमान तीसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों के बीच वोट का फासला काफी कम था।
उससे पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में भी ओवैसी ने किशनगंज में डेरा डालकर अपने उम्मीदवार लड़ाये थे। 2015 से ओवैसी की लगातार कोशिशें रंग लायी और आखिरकार उनकी पार्टी का खाता बिहार में खुल ही गया।
किशनगंज का परिणाम राजद कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। बिहार में मुस्लिम इस गठबंधन के आधार वोटर माने जाते हैं। अब साफ दिख रहा है कि उनका आधार खिसक गया है।
उधर ओवैसी की पार्टी ने पहले से ये एलान कर रखा है कि वो 2020 का विधानसभा चुनाव पूरे दम खम के साथ लड़ेगी और मुसलमानों की ठीक-ठाक आबादी वाली हर सीट पर उम्मीदवार उतारेगी। जाहिर है राजद-कांग्रेस के लिए बड़ा खतरा सामने है।