एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा के गांवों में एक नई विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। इसका सर्वाधिक कहर किसानों पर पड़ी है। एक तरफ उनकी नजरें आसमान की ओर मानसून पर टिकी है, वहीं दूसरी तरफ शासनिक लापरवाही के बीच अफवाहों ने उनका हौसला तोड़ दिया दिया है।
जिले के इस्लामपुर, थरथरी, चंडी, नगरनौसा, करायपरसुराय आदि प्रखंड क्षेत्रों से सूचना मिल रही है कि वहां के बड़ी संख्या में किसानों ने धान रोपनी बंद कर दी है। जलस्तर नीचे चले जाने, बारिश न होने के बीच एक अफवाह कारण बताई जा रही है।
इन क्षेत्रों में किसानों के बीच यह अफवाह फैली है कि जल संकट को देखते हुए गांवों में अब एक फेज ही बिजली की सप्लाई की जाएगी। ताकि निरंतर नीचे जाते जल स्तर को रोका जा सके।
इस कारण किसान अपने खेतों में धान रोपनी बंद कर दिया है। वे अधिक पूंजी आधारित खरीफ फसल लगाने का लेने का रिस्क उठाना नहीं चाहते। क्योंकि मानसून की अनियमियता से वे पहले से ही काफी सहमे हैं।
हालांकि बिजली विभाग के अफसर गांवों में बिजली कटौती को महज अफवाह बताते हैं। विभागीय अफसर का कहना है कि इस तरह के कहीं से कोई निर्देश-आदेश नहीं दिया गया है। गांवों में पहले की तरह ही बिजली की आपूर्ति जारी रहेगी।
इस बाबत हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) वैभव चौधरी कहते हैं कि मामला गंभीर है। वे ऐसे अफवाहों की अपने स्तर से जांच कराएंगे। उनकी पूरी कोशिश होगी कि किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। समय पर उनके हर शंका-आशंका का समाधान किया जाएगा।
दरअसल, नालंदा जिले के प्रायः गांवों में परंपरागत जल स्रोतों के प्रति शासकीय लापरवाही के बीच जल नल योजना ने इस नई समस्या को जन्म दिया है। यहां जिस तरह से पेयजल के नाम पर यह योजना चलाई जा रही है, वह कई सवाल खड़े करते हैं। शासन इसके दुष्परिणामों की ओर कतई न तो चिंतित है और न ही जागरुक। सिर्फ हर तरफ खानापूर्ति करते दिख रही है।