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    Friday, April 26, 2024
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      आधार कार्ड और राशन कार्ड के नाम पर भोजन का अधिकार से वंचित हैं लोग

      “टीम ने पाया कि आधार कार्ड और राशन कार्ड के नाम पर बस्ती के काफी लोगों को भोजन का अधिकार से वंचित किया गया है। टीम ने राजबाड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मृतक की पत्नी पार्वती देवी से भी मुलाकात की।”

      bhukh maut1झरिया (धनबाद)। झरिया के भालगोरा में भूख से मौत मामले की जांच आज रांची से आई टीम ने की। टीम में सुप्रीम कोर्ट आयुक्त के राज्य सलाहकार श्री बलराम, वरिष्ठ पत्रकार डॉ विष्णु राजगढ़िया, राइट टू फ़ूड अभियान से श्री अशर्फी नंद प्रसाद, धीरज कुमार, तारामणि, आकाश रंजन, काशीनाथ चटर्जी और अफजल अनीस शामिल थे।

      टीम ने मृतक बैजनाथ रविदास के परिजनों तथा स्थानीय निवासियों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली। स्थानीय लोगों ने बताया कि बस्ती के लगभग चालीस फीसदी परिवारों को राशन कार्ड नहीं मिल पाया है।

      इसके कारण उन परिवारों को राशन नहीं मिलता है। कई परिवारों ने एक साल पहले आवेदन दिया, इसके बावजूद अब तक उन्हें राशनकार्ड नहीं मिल पाया है।

      यहां तक कि एक महिला के परिवार में छह लोगों हैं, जिनमें मात्र चार लोगों का नाम राशन कार्ड के आवेदन में शामिल किया गया है। शेष दो लोगों का नाम आधार कार्ड नहीं होने के कारण छोड़ दिया गया है।

      टीम ने पाया कि बस्ती में दलित एवं अतिनिर्धन परिवारों की बहुलता है। इनके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना जीवनरेखा के समान है। जबकि इनमें से काफी परिवारों को सामाजिक जातीय आर्थिक सर्वेक्षण के दौरान सूची से बाहर कर दिया गया जबकि इन्हें स्वतः शामिल किया जाना चाहिए था।

      ऐसे परिवारों द्वारा बार-बार आवेदन दिए जाने के बावजूद अब तक राशन कार्ड नहीं बनाया गया। ऐसे लोगों में मृतक बैजनाथ रविदास का परिवार भी शामिल है, जो राशन कार्ड नहीं होने के कारण भोजन का अधिकार से वंचित हैं।

      टीम ने बस्ती के सभी परिवारों को राशनकार्ड और राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। टीम ने यह भी मांग की है कि सरकार इस विषय पर एक श्वेतपत्र जारी करके यह स्पष्ट करे कि आधार कार्ड के नाम पर कितने लोगों को राशन कार्ड तथा राशन से वंचित किया गया?

      ऐसे आदेश की वैधानिकता तथा प्रक्रिया पर भी श्वेतपत्र में स्पष्ट जानकारी दी जाए। साथ ही, अगर इस प्रक्रिया में कोई अवैधानिक आदेश जारी हुआ हो तथा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का उल्लंघन हुआ हो, तो इसके लिए दायित्व सुनिश्चित करके संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

      टीम ने उम्मीद जताई है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भूख से मौत की खबरों के आलोक में भोजन का अधिकार संबंधी सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों का अनुपालन करने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठाएगी।

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