एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (मुकेश भारतीय)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ अवस्थित दीपनगर पर्यवेक्षण गृह आपको कही से भी जेल नहीं लगेगा। यहाँ आरोपी-कैदी किशोर-बच्चे हॉस्टल जैसे माहौल में रहते है।
यदि आपको विश्वास न हो तो इसका बखूबी आंकलन कर सकते हैं और यह सब संभव हुआ है वर्तमान किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह प्रथम श्रेणी न्यायकर्ता मानवेन्द्र मिश्र की सोच-संवेदना के बल, जिसकी पहले कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
जब आपकी नजर इस पर्यवेक्षण गृह की दीवारों पर जाएगी तो बिल्कुल ठहर जाएगी। बस दिल करेगा कि उसे एकटक निहारता ही रहे। दिवारों पर ऐसी कलाकृति कि नजर वहीं ठहर जाए। मानो किसी प्रोफेशनल ने उकेरी हो। लेकिन यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये अमुमन अगढ़ बच्चों की खुबसुरती है।
यहां बच्चों द्वारा स्वंय के बागवानी मिशन के अंतर्गत वैज्ञानिक तरीके से उपजाई गई सब्जियों के पौधे के आलावे अभी आलू की विधिवत तैयार खेती भी देखने को मिलेगी।
बच्चों द्वारा लगाये गये केला, बादाम, सिन्दूर के पौधे, जो अब फल भी देने लगे है। आम, लीची, अमरूद, नीबू, कटहल आदि के वृक्ष भी बागवानी मिशन के तहत लगाये जा रहे है।
वहीं मत्स्य पालन स्कील डेवलपमेंट योजना के तहत लघु तालाब में मछलियां से अधिक उसमें बच्चों की भावनाएं अधिक तैरती दिखती है।
यहां पूर्व से चलाए जा रहे मशरूम उत्पादन तथा विप्स्यना, योगा, शिक्षण, प्रशिक्षण आदि जैसे कार्यक्रमों की समीक्षा खुद प्रधान दंडाधिकारी और उनकी जिम्मेवार टीम के लोग करते हैं।
वे बच्चों के खाने की गुणवत्ता को बनाये रखने और समान उम्र के बच्चों को अलग रूम में रखने के निर्देश खास ख्याल रखते हैं। उन्होंने समीक्षोपरांत संगीत के शिक्षक को प्रतीनियुक्त करने का निर्देश भी दे रखा है।