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    Friday, April 26, 2024
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      अदद उपमहापौर की कुर्सी को लेकर सियासत के बड़े दांव-पेंच का इस्तेमाल

      बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील और पूर्व विधान पार्षद राजू यादव बिहारशरीफ नगर निगम की उपमहापौर फुल कुमारी को कुर्सी से बेदखल कराने में  विपक्ष की ओर से अपनी सियासी दांव पेच डंके की चोट पर आजमाते रहे……..”

      बिहार शरीफ से दीपक विश्वकर्मा की रिपोर्ट

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। आज बिहार शरीफ नगर निगम के उपमहापौर फुल कुमारी और शर्मीली परवीन के किस्मत का फैसला वार्ड पार्षद करेंगे।

      bihar sarif nagar nigam poltics 1इस कुर्सी को गिराने और बचाने में सियासत के बड़े बड़े दांवपेच का इस्तेमाल हुआ है।  इस खेल में सूबे के कई बड़े सियासतदार लगे रहे।  हालांकि इस कुर्सी को बचाने में एक राज्य सभा सदस्य का भी नाम आया। मगर हम इस पर मुहर इस लिए नहीं लगा सकते क्योंकि हमारे पास इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।

      मगर विपक्ष की ओर से डंके की चोट पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील और पूर्व विधान पार्षद राजू यादव फुल कुमारी के कुर्सी को बेदखल करने में सियासी दांव पेच खुले तौर पर आजमाते रहे।

      बीती रात भी इसी दांवपेच में इन नेताओं और पार्षदों कि रात पावापुरी के होटल अभिलाषा में गुजरी।  देर रात तक बैठक चली और फिर लजीज व्यंजन का सामूहिक भोज हुआ।

      एक गुट इसे कयामत की रात मान रहा तो दूसरा गुट इसे शब-ए-क़दर की रात यानी जिसका आंकड़ा फिट  हुआ। उसके लिए यह रात शब-ए-क़दर की रात बन गई बनी और जिसका आंकड़ा फेल हुआ उसके लिए यह कयामत की रात।

      कोई बात नहीं मुहब्बत और जंग में सब जायज है।  सत्ता के तोड़ जोड़ में हर तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं और इस  नगर निगम के सियासत में भी हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल किया गया।bihar sarif nagar nigam poltics 5

      इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि खरीद फरोख्त नहीं हुई है कुछ लोगों ने पार्षदों के घर पर ही थैला पहुंचा दिया और कुछ को आश्वासन दिए गए। मगर यह थैला कितना कारगर साबित होगा यह तो वोटिंग के बाद ही पता चल पाएगा।

      हालांकि सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों राजगीर पहुंचे बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार तक निगम के सियासत कि बात पहुंची। इस पर क्या हुआ, इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी।

      बिहार शरीफ नगर निगम के पहले डिपुटी मेयर नदीम जफर उर्फ गुलरेज बने। उसके बाद इन्हें कुर्सी से बेदखल कर शंकर कुमार ने इस कुर्सी पर अपना कब्जा जमा लिया।

      बाद में इस कुर्सी के लिए नदीम जफर की भाभी गजाला परवीन और शंकर कुमार की पत्नी फूल कुमारी दोनों मैदान में उतरी और इस चुनाव में फूल कुमारी को 25 और गजाला परवीन को 21 वोट मिले, जिसके बाद फुल कुमारी ने इस सीट पर फतेह हासिल कर लिया। 

      अब फिर नदीम जफर की पत्नी शर्मीली परवीन इस चुनावी मैदान में शंकर कुमार की पत्नी फूल कुमारी के खिलाफ मैदाने जंग में उतरी है।bihar sharif nagar nigam cruption 2

      मामला चाहे जो भी हो मगर नगर निगम के इस शह मात के खेल में सूबे  के दिग्गज मंत्री  श्रवण  कुमार, आम लोगों के बीच अपनी जोरदार पकड़ रखने वाले इंजीनियर सुनील और रसूकदार नेता राजू यादव के भी पसीने छूट गए। 

      खैर चलिए चुनाव निगम का हो या फिर विधानसभा का सभी में नेताओं के पसीने छूटते ही हैं।  आज यह देखना दिलचस्प होगा कि पेश किए गए नजराना कारगर सिद्ध होता है या फिर नहीं।

      लेकिन इतना तो तय है कि जिन पार्षदों ने थैले को थाम लिया है, उनके लिए अच्छे दिन आने के आसार नहीं दिख रहे हैं।  इस सियासी दावंपेंच में ये तीन नेता पर्दे पर दिखे।

      जबकि इस पूरे प्रकरण को अमलीजामा पहनाने में पर्दे के पीछे एक रूमी खान का नाम आया है, जिन्होंने ने इन नेताओं हर इशारे पर पूरे प्रकरण को बाखूबी अंजाम दिया है।

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