पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो)। मंत्री रामसूरत राय की बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर पटना में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों ओर सिर्फ मंत्री रामसूरत राय की ही चर्चा चल रही है।
इस मामले में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव काफी आक्रमक दिख रहें हैं। पहले विधानसभा के अंदर मंत्री की बर्खास्तगी की मांग करते हुए विशेष चर्चा की मांग की।
जब उनकी मांग को खारिज कर दिया गया तो वे तेजप्रताप यादव और कई विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच कर गए।
प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव राज्यपाल से मिलकर मंत्री की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल को मंत्री के खिलाफ शिकायत का एक ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले प्रतिपक्ष नेता ने प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री के खिलाफ सबूत दिखाते हुए सीएम नीतीश पर भी कटाक्ष किया।
एनडीए सरकार एक बार फिर से फजीहत में घिरती दिख रही है। पहले जदयू विधायक गोपाल मंडल और अब मंत्री रामसूरत राय सरकार के लिए गले की हड्डी बनते दिख रहे हैं।
विधानसभा मंत्री रामसूरत राय को लेकर आरजेडी के तेवर काफी दिखी। नेता प्रतिपक्ष यादव ने सुबह ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि मंत्री रामसूरत राय के मसले पर उनकी पार्टी के तेवर आज कड़े रहेंगे।
सदन में आज पहले प्रश्न उत्तर काल में आरजेडी ने वॉकआउट किया और इसके पहले इस मसले पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था।
विधानसभा विजय कुमार सिन्हा ने कार्य स्थगन प्रस्ताव जैसे ही अस्वीकार किया, तेजस्वी यादव सदन में उठ खड़े हुए।लें मंत्री के मामले में बहस कराना चाह रहे थे। भाजपा मंत्री के बचाव में आ गई। हंगामा इतना बढ़ा कि विधानसभा को स्थगित करना पड़ा।
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद आरजेडी के विधायक नहीं माने। विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के बाहर से आरजेडी विधायक धरने पर बैठ गए।
इसके बाद प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने एक प्रेस वार्ता में मंत्री रामसूरत राय के खिलाफ सबूत पेश किया।
उन्होंने सवाल उठाया कि सीएम और उनके भाजपाई शराब माफिया मंत्री बोचहा शराब तस्करी कांड में सफेद झूठ बोल रहे।
तेजस्वी ने बताया कि इस मामले में असली दोषी मंत्री हैं। जबकि संचालक को फंसाया जा रहा है। जबकि मंत्री के खिलाफ सबूत है। इसके बाद भी न उन्हें बर्खास्त किया गया है और न ही जमीन जब्त की गई।
प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि सरकार की नीति कहां गई? सरकार की शराबबंदी कानून में यह नियम है कि जहां से शराब की बरामदगी होगी, वहां थाना खोला जाएगा। लेकिन मंत्री के मामले में ऐसा नहीं हो रहा है।
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने खुलासा किया कि जिस स्कूल में शराब की बरामदगी हुई है उसका नाम अर्जुन मेमोरियल स्कूल है। जो कि मंत्री के पिता हैं। मंत्री के दबाव में पुलिस ने सूचक को ही शराब कारोबारी करार देकर जेल भेज दिया।