“फिलहाल ये सभी दिहाड़ी मजदूर जिला प्रशासन के इंतजाम की आस में एसडीओ औऱ डीसी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। अगर जहां- तहां फंसे दिहाड़ी मजदूरों के लिए अगर जल्द ही कोई व्यवस्था नहीं की जाती है तो दिल्ली के तर्ज पर जमशेदपुर और झारखंड के अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल सकता है। क्योंकि जमशेदपुर समेत अन्य कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बाहरी मजदूर रहते हैं…”
जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। देश कोरोना वायरस सके संक्रमण को रोकने को लेकर 21 दिनों के लॉक डाउन पर है। देश के अलग-अलग राज्यों से दिहाड़ी मजदूरों के भागने की सूचनाएं मिल रही है। वैसे जैसे-जैसे मजदूरों के पेट की आग बढ़ेगी ऐसे मामले देखने को मिलेंगे।
झारखंड के जमशेदपुर में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां बिहार के भागलपुर के एक ही गांव के 18 दिहाड़ी मजदूरों से पेट की आग जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो ये सभी मजदूर पैदल ही भागलपुर के लिए निकल पड़े।
वैसे साकची थाना पुलिस ने इन मजदूरों को रोक लिया, लेकिन इन मजदूरों ने ठान लिया कि चाहे जो हो, जाना है, तो जाना है। फिलहाल सभी मजदूरों को जिला प्रशासन ने रोक रखा है।
ये सभी मजदूर बर्मामाइंस कैरेज कॉलोनी में रहकर सीमेंट प्लांट में दिहाड़ी मजदूरी करते थे। लॉक डाउन के बाद किसी तरह 19 दिन इन मजदूरों ने काट लिया लेकिन अब इनके सब्र का बांध टूट गया।
मकान मालिकों ने इन्हें मकान खाली करने का फरमान जारी कर दिया। एक तरफ आशियाने की चिंता, तो दूसरी तरफ पैसे नहीं ऐसे में इन मजदूरों ने अपने गांव जाने की ठानी और पैदल ही निकल पड़े भागलपुर के लिए।