बिहार में ‘सुशासन’ एवं ‘कानून का राज’ है। अब तक सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज करने का यह मूल मंत्र रहा है। पर लॉक डाउन के दौरान यह अब मात्र जुमला बन कर रह गया है..
बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। सीएम के गृह जिला नालन्दा में भी अपराधी छुट्टा घूम रहे हैं। जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में लॉक डाउन अब मजाक बन कर रह गया है। रोड पर आम दिनों की तरह भीड़ लग रही है।
नगर का पुलपर बाजार हो या भरावपर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पुलिस इन लोगों को कुछ नहीं करती हैं, पर सामाजिक, राजनीतिक व अखबारकर्मियों को अपनी हैवानियत का निशाना बना रही है।
बिहारशरीफ में कल 23 मई की संध्या 5.45 बजे पुलिस ने हॉस्पीटल चौक से दवा लेकर लौट रहे छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार की बुरी तरह पिटाई कर दी।
पुलिस ने इतनी बेरहमी से पिटाई की कि वह घर भी नहीं जा सके और सड़क किनारे बैठ गए। आधे घन्टे के अंदर ही वही पुलिस जीप फिर लौटी।
नवीन को वहीं पर देख कर पुलिस ने फिर डांट-डपट की तथा अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद नवीन सदर अस्पताल गए तथा इलाज करवाया।
छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार का आरोप है कि उनकी पिटाई लहेरी के थानाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव के इशारे पर की गई है। पिटाई के वक्त वह पुलिस जीप में बैठे थे।
श्री कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से उक्त पुलिसकर्मी को अविलंब बर्खास्त करने तथा लहेरी थानाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव को अविलंब स्थानांतरित करने की मांग की है।
इसके कुछ दिनों पूर्व 15 मई को बिहारशरीफ नगर जदयू के महासचिव व अधिवक्ता अमित कुमार उर्फ रिक्की अपना पास बुक लेने कमरुद्दीनगंज प्रधान डाकघर गए। वहां पोस्ट आफिस के अंदर जाने के क्रम में गेट पर होम गार्ड के जवानों ने उन्हें धकेल दिया। विरोध करने के क्रम में एक हवलदार से बक-झक हो गई।
अमित ने अपना परिचय दिया तो हवलदार और गुस्से में आ गया। हवलदार अमित को खींचकर गार्ड रूम में ले गया तथा बुरी तरह धुनाई कर सर फोड़ दिया।
अमित ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत की। लहेरी थानाध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने सुलह करवा दी।
इतनी ही बात नहीं है। बिहारशरीफ पुलिस पर वर्दी का रौब कुछ इस कदर ग़ालिब है कि 6 मई की अहले सुबह 4.45 बजे बिहारशरीफ के अम्बेर चौक के समीप पुलिसकर्मियों ने एक के अखबार वितरक रविरंजन कुमार उर्फ राजन को बुरी तरह पिटाई की। वे रोज की भांति अखबार वितरण के लिए नईसराय से भरावपर आ रहे थे।
अखबार एजेंसी के मालिक चुनचुन सिंह ने नालन्दा के डी एम योगेन्द्र सिंह व एसपी नीलेश कुमार से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यहां पर उल्लेखनीय यह है कि सीएम के गृह जिला नालन्दा में लॉक डाउन की आड़ में पुलिसिया तांडव जारी है। यहां पुलिस की हैवानियत का शिकार ‘सुशासन’ के ‘सिपाही ही खुद हो रहे हैं।
बहरहाल, यहां के राजनैतिक, सामाजिक व आंदोलनकारी जमात की चुप्पी भी पुलिस के मनोबल को बढ़ा रही है।