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    Friday, May 3, 2024
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      बागवानी मिशन की जांच के दौरान भंडारण गृह में मिले प्याज की जगह कहीं भूसा तो कहीं मवेशी !

      हिलसा (चन्द्रकांत)। स्वार्थहित में लाभुक सरकारी योजनाओं की मंशा को सफलीभूत नहीं होने दे रहा है। इसका खुलासा तब हुआ, जब बागवानी मिशन के अधिकारियों द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया।

      राष्ट्रीय बागवानी मिशन अन्तर्गत अनुमंडल के औंगारी गांव पांच किसानों द्वारा प्याज भंडारण इकाई का निर्माण करवाया गया। तकरीबन एक लाख पचहत्तर हजार रुपये की लागत से बनाये जाने वाले उक्त इकाई के लिए सरकार की ओर से आधी राशि बतौर अनुदान मिलना निर्धारित था।

      औंगारी के पांच किसान उक्त योजना के तहत प्याज भंडारण इकाई का निर्माण करवाया। इकाई निर्माण के बाद एक प्रक्रिया के तहत संबंधित पदाधिकारी स्थल का निरीक्षण कर पांच में से चार किसानों द्वारा निर्माण कराए गए भंडारण इकाई को सही बताया गया। फलत: चारो किसानों को सरकार द्वारा अनुदान के रुप में आधी राशि भी मिल गई।

      अनुदान राशि लेने से वंचित रहे किसान सत्येन्द्र प्रसाद द्वारा न केवल विरोध जताया गया बल्कि उच्चाधिकारी से मामले की गहराई से छानबीन करने का अनुरोध किया।

      सत्येन्द्र प्रसाद के आवेदन के आलोक में उद्यान निदेशालय पटना के उपनिदेशक देवनारायण महतों एवं डॉ राकेश कुमार औंगारी पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किए। जांच के दौरान अधिकारी द्वय ने कई चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया।

      पदाधिकारी द्वय ने कहा प्याज भंडारण इकाई में बांसी चाली के साथ-साथ बड़ी-बड़ी खिड़कियां होनी चाहिए। साथ ही ठंडी हवा के लिए समुचित संख्या में सिलिंग पंखा होनी चाहिए थी। जबकि जांच के दौरान अनुदान का लाभ ले चुके लाभुकों की इकाई में न तो चाली पाया गया और न ही खिड़की ही थी। ठंडी हवा के लिए सिलिंग पंखा भी नहीं लगा पाया गया।

      इस प्रकार भंडारण इकाई का निर्माण कार्य न केवल अधूरा पाया गया बल्कि प्याज के बजाए किसी भंडार में मवेशी पाया गया तो कहीं भूसा रखा और घरेलू सामग्री रखा हुआ था।

      पदाधिकारी द्वय ने इकाई निर्माण को विभागीय मापदंड के प्रतिकूल बताते हुए लाभुक और पहले के जांच पदाधिकारी पर दोषी ठहराया।

      बहराहल जो भी हो, पदाधिकारी द्वय की जांच से स्पष्ट हो गया कि स्वार्थहित के लिए न केवल लाभुक बल्कि अधिकारी भी वैसा कुछ कर जाते हैं, जिससे सरकारी योजना की मंशा पर पानी फिर जाता है।

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