एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (पटना ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने में अभी वक्त है। लेकिन भाजपा द्वारा अपने जीते हुए दरभंगा सीट पर दावेदारी छोड़ने की आशंका के बीच दरभंगा की सियासी हलचल बढ़ गई है।
जदयू राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने अभी से ही अपनी उम्मीदवारी को लेकर दावे ठोक दिए हैं। उधर भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने भी चुनाव मैदान में उतरने की बात दुहरायी है। उन्होंने कहा कि दरभंगा मेरी भूमि है। यही से चुनाव भी लडूंगा।
बिहार में 40 लोकसभा सीटों को लेकर एनडीए में घमासान मचा हुआ है।पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 22 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार वह जदयू के लिए दरभंगा और पटना साहिब सीट छोड़ने का कयास लगाया जा रहा है।
कारण यह है कि दरभंगा से कीर्ति आजाद भाजपा के निलंबित सांसद है।जबकि पटना साहिब से शत्रुहन सिन्हा लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोलते रहे हैं।
भाजपा द्वारा दरभंगा सीट छोड़ने की की खबर के बाद बिहार की सियासी गलियारे में उम्मीदवार को लेकर खींचतान मची हुई है। इस बाबत निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने मीडिया से कहा कि उन्हें निलंबित सांसद नहीं कहा जाए।
उन्होंने कभी भी पीएम के लिए कुछ बोला नहीं है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा में थे और हैं। अगर एनडीए में नहीं भी रहे तो दरभंगा से ही चुनाव लड़ेगे। इस सीट पर उनकी दावेदारी पहले है।
इधर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा के चेहरे पर खुशी भी झलक रही है। उन्होंने साफ कहा कि सीएम अगर कहेंगे तो वें चुनाव जरूर लड़ेगें। लेकिन अभी चुनाव में अभी देरी है।
ऐसे में कुछ भी अटकल लगाया जा सकता है। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि फिलहाल हमारी पार्टी का फोकस सभी सीटों पर चुनाव जीतने की है। सितम्बर के अंत तक एनडीए में सीटों के बंटबारे को लेकर तस्वीर साफ हो जाएंगी।
फिलहाल देखा जाए तो दरभंगा लोकसभा सीट को लेकर नूराकुश्ती का आगाज हो चुका है। यह तय है कि भाजपा अपनी साख बचाने के लिए दरभंगा सीट का बलिदान कर सकती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि संजय झा की जदयू से उम्मीदवारी तय है। लेकिन यह भी साफ है कि कीर्ति आजाद भी हार मानने वाले नहीं है। दरभंगा सीट से उनका दो-दो हाथ करना तय है।