अन्य
    Saturday, November 23, 2024
    अन्य

      नहीं रहे राजगीर के भीष्म पितामह, सीएम नीतिश ने कहा- अपूरणीय क्षति

      नालंदा जिला के पंडितपुर गांव निवासी तरुण पडोसी गया जिला के अतरी विधानसभा सीट से और नालंदा जिला के हिल्सा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे तथा तात्कालीन विंदेश्वरी दूबे मंत्रिमंडल में शिक्षा राज्य मंत्री बनाये गये। दिवंगत तरुण एक लंबे अरसे तक समाचार एजेंसी पीटीआई, हिन्दुस्थान समाचार, दैनिक आर्यावर्त आदि के संवाददाता भी रहे थे।

      पटना। बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं पत्रकार सुरेन्द्र प्रसाद तरुण का लंबी बीमारी के बाद बीती रात्रि निधन हो गया। वह 88 के थे। दिवंगत तरुण ने बीती रात रात पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में अंतिम सांस ली।

      rajgir surendra tarunमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरी शोक व्यक्त करते हुए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराए जाने की घोषणा की है।

      उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि सुरेंद्र प्रसाद तरूण एक प्रख्यात राजनेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे। उनके निधन से न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक क्षेत्रों में भी अपूरणीय क्षति हुयी है।

      मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दु:ख की इस घडी में धर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

       साहित्य और पत्रकारिता में थी उनकी गहरी रूचि

      उनका पार्थिव शरीर को बुधवार की सुबह पंडितपुर गांव लाया गया। सुबह से ही उनके यहां लोगों की आने का तांता शुरू हो गया है। तरुण जी एक पत्रकार के रूप में भी काफी दिनों तक काम किये हैं। उनकी साहित्य में भी गहरी रूचि थी। उन्होंने मगह के फूल, बज रहल बांसुरी जैसे कुछ किताबें भी लिखीं थी। उनके निधन से मगही समाज को गहरी क्षति हुई है।

      राजगीर शहर ने अपना भीष्म पितामह को खो दिया है। वे जिले की आवाज थे। कहीं भी पूरी निर्भयता से अपनी बातों को किसी के सामने रखते थे। सबों के दिल पर राज करते थे।

      तरुण जी के कारण ही राजगीर में राजगीर महोत्सव शुरू हुआ था। कई सालों से तरुण जी के द्वारा हीं राजगीर का प्रसिद्ध मकर मेला को जीवित रखा जा रहा था। अब उनके जाने के बाद मकर मेला को जीवित रखने के लिए भी किसी को आगे आना होगा।

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!