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    Monday, April 29, 2024
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      भाजपा के ‘शत्रु-सिन्हा’ को नही मिला न्योता, बोले ‘गईल सरकार तोहार”

      पटना (जयप्रकाश)। पीएम नरेंद्र मोदी बिहार में नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन बनने के बाद दूसरी बार बिहार के दौरे पर आ रहे हैं। इस बार का उनका दौरा खास माना जा रहा है। पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह तथा मोकामा में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँच रहे मोदी थोड़ी ही देर में पटना पहुँचे। लेकिन उनके आगमन के पहले ही पटना में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है।

      पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाजपा के “शत्रु” शत्रुहन सिन्हा एक बार फिर अछूत साबित हुए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं शत्रुध्न सिन्हा की तरह पटना विश्वविद्यालय के एक और पूर्ववर्ती छात्र और पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को शताब्दी समारोह में भी शामिल होने के लिए निमंत्रण नही भेजा गया है।

      उधर पहले ही पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने भी कह दिया है कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव शताब्दी समारोह में अपनी बेईज्जती कराने नहीं जाएंगे ।

      पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में नहीं बुलाए जाने की पीड़ा पटना साहिब सासंद और सिने स्टार शत्रुहन सिन्हा के चेहरे और दिल पर साफ दिख रही थी।

      इसके लिए भी उन्होंने अपने लोगों की आलोचना शुरू कर दी है। वही पीएम के आगमन को लेकर शत्रुहन सिन्हा ने मीडिया के सामने जीएसटी का मतलब समझाया ।

      पहले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सरकार को नोटबंदी को लेकर घेरा था । अब शत्रुहन सिन्हा ने जीएसटी को लेकर अपने ही सरकार पर हमला बोला है।

      उन्होंने कहा कि जीएसटी के नुकसान अब लोगों के सामने दिख रही है।उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा कि बिहार में जीएसटी का मतलब लोगों के बीच ‘गईल सरकार तोहार’ हो गयी है।

      मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी ने गरीबों का बुरा हाल कर रखा था। अब जीएसटी से गरीब और बिजनेसमैन दोनों इससे प्रभावित हुए हैं।

      शत्रुहन सिन्हा ने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के द्वारा नोटबंदी पर उठाए गए सवाल का समर्थन करते हुए कहा कि आने वाले समय में ऐसे फैसले पर सरकार को चिंतन करना चाहिए ।

      उन्होंने आगे कहा कि जब मैं बिहार के इलाकों में घूमते हैं तो लोग भोजपुरी लहजे में जीएसटी का मजाक उड़ाते हैं, कहते हैं” गईल तोहार सरकार ” यह सब सुनकर काफी बुरा लगता है।

      अब सवाल यह उठता है कि पटना विश्वविद्यालय सौ साल में इतना बौना हो गया कि कभी शत्रुहन सिन्हा पर विश्वविद्यालय गर्व करता था कि इस विश्वविद्यालय के छात्र एक बहुत बड़ा सिने स्टार है। आज उन्हें बुलाने के लायक भी नहीं समझा ।

      जबकि यशवंत सिन्हा और शत्रुहन सिन्हा दोनों इस विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं । साथ ही दोनों बीजेपी के कदावर नेता मानें जाते हैं ।

      श्री  सिन्हा बीजेपी के पहले स्टार प्रचारक थे, जब लोग बीजेपी से दूर भागते थे तब शत्रुध्न सिन्हा बीजेपी के लिए प्रचार करते थें । वे  पटना यूनिवर्सिटी और मुंबई में बिहार के ब्रांड अंबेसडर रहे हैं। नीतीश कुमार की भी खुलकर तारीफ करते रहे हैं।

      मुख्यमंत्री को भी छोटे दिल की राजनीति नहीं करनी चाहिए। इस विश्वविद्यालय के दो महान पूर्ववर्ती छात्रों को बुलाया नहीं जाना भारत की राजनीति की यह शर्मनाक हरकत मानी जा सकती है।

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