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    Friday, May 3, 2024
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      ताड़ी के कारण नहीं बल्कि जमीन की अग्रिम नहीं लौटाने के कारण हुई मधुसूदन चौधरी की गला रेतकर हत्या 

      “एकारनामा के अनुसार 3.20 लाख रूपये अग्रिम मधुसूदन चौधरी को दिया गया था। जमीन की बिक्री में मृतक के दामाद धर्मवीर चौधरी ही बिचौलिया था….”

      नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार थाना के बाबा मणिराम अखाड़ा के पास मधुसूदन हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। मधुसूदन का दामाद भी इस हत्या में सहयोगी रहा था।crime 2 3

      पुलिस ने हत्या कांड में संलिप्त तीन बदमाशों को धर दबोचा है। साथ ही निशानदेही पर  हत्याकांड में प्रयुक्त ब्लेड, एक बोरा को भी बरामद किया है।

      सदर डीएसपी इमरान परवेज ने शुक्रवार को इसका खुलासा यहां संवाददाता सम्मेलन में किया।उन्होंने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम ने एक नामजद अभियुक्त मिस्टर उर्फ मो. मिस्टर को कोलकाता से दबोच लिया।

      इसके बाद मिस्टर के बयान पर मुख्य अभियुक्त सचिन चौधरी एवं सोनू मिस्त्री को दबोचा गया। सचिन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हसुआ, खून लगी बोरी, गमछा, जमीन का एकरारनामा व तीन मोबाइल बरामद किया गया।

      इस टीम में बिहार थानाध्यक्ष दीपक कुमार समेत कई पुलिस पदाधिकारी शमिल थे। मृतक मधुसूदन चौधरी पटना जिले के बख्तियारपुर थाना के घाघडीह गांव रहने वाले थे। लेकिन वर्तमान में बिहार थाना के कागजी मोहल्ला में किराया के मकान में रहते थे।  

      रुपये लेने के बाद जमीन रजिस्ट्री नही करना मौत की वजह: 

      दीपनगर थाना के सोराबीपर गांव में मृतक मधुसूदन की पत्नी मालो देवी के नाम से 2 डिसमिल जमीन है।

      इसी जमीन को सचिन चौधरी को बेचने के लिए एकारनामा के अनुसार 3.20 लाख रूपये अग्रिम मधुसूदन चौधरी को दिया गया था। जमीन की बिक्री में मृतक के दामाद धर्मवीर चौधरी ही बिचौलिया था।

      इस एवज में धर्मवीर को 20 हजार रूपये मिला था। रूपये लेने के बाद भी मृतक द्वारा सचिन चौधरी को जमीन की रजिस्टरी नहीं करने के कारण सचिन चौधरी एवं मधुसूदन चौधरी में विवाद चल रहा था। 

      एक नजर में यूं समझे पूरी घटना:

      15 फरवरी को सचिन चौधरी से धर्मवीर चौधरी मिला। इसके बाद  दबाब बनाया कि उनके ससुर ने रूपये लेकर जमीन रजिस्ट्री नहीं कर रहा है। इस पर धर्मवीर चौधरी बोला कि ठीक है चलो बात करते हैं।

      धर्मवीर चौधरी एवं सचिन चौधरी मधुसूदन चौधरी के पास गये तो देखा कि मधुसूदन ताड़ी बेचने के स्थान बाबा मणिराम अखाड़ा पर से आ रहा है। दोनों ने उसे रोका और जमीन रजिस्ट्री के लिए बोला तो वह आनाकानी करने लगा।

      इसी दौरान वहां पर सोनू, अकबर, मिस्टर भी पहुंच गया। तत्पश्चात, सचिन चौधरी ने धर्मवीर चौधरी के सहयोग से उसे वहीं पर पटक दिया और हसुआ से गला रेतकर हत्या कर दी। शव को वहीं तालाब में कुंभी के बीच छिपाकर फरार हो गया। 

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